हेल्थ डेस्क: यदि आप ई-सिगरेट को सुरक्षित मानते हैं तो अपनी धारणा बदल डालिए क्योंकि एक नए अध्ययन में पता चला है कि इसमें वही विषाक्त रासायनिक पदार्थ होते हैं जो तम्बाकू के धुएं में पाए जाते हैं। इससे फेफड़ों का जीवाणु रोधी रक्षा तंत्र बाधित होता है।
अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना विश्वविद्यालय के फिलिप क्लैप ने कहा , ‘‘हमारे आंकड़ों से पता चला है कि सिगरेट के धुएं में पाये जाने वाले जहरीले एल्डिहाइड् की तरह ही ई-सिगरेट में मौजूद रसायनिक पदार्थ सिन्नामेल्डिहाइड का उपयोग सामान्य कोशिका को नुकसान पहुंचाता है। इससे सांस संबंधी बीमारियां विकसित तथा जटिल हो सकती है।’’
क्लैप ने कहा कि हमारे शोध में पता चला है कि सिन्नामेल्डिहाइड मनुष्य के शरीर में सांस के जरिये सामान्य हवा की आवाजाही को बाधित करता है। जिससे यह पता चलता है कि ई - सिगरेट में उपयोग होने वाला एक सामान्य फ्लेवर फेफड़ों के महत्वपूर्ण एंटी-बैक्टीरियल रक्षा तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है।
सिन्नामेल्डिहाइड एक ऐसा रसायन है जिसमें दालचीनी जैसा स्वाद और गंध होती है।
हाल के वर्षों में, ई-सिगरेट पारंपरिक सिगरेट के मुकाबले सुरक्षित विकल्प के रूप में उभरा है क्योंकि इसमें तम्बाकू के बिना ही धूम्रपान करने जैसा एहसास होता है।