इन महिलाओं ने बताया कि उनका स्मार्ट फोन इस्तेमाल करने से कम स कम 15 मिनट के लिए आंखो के सामने अंधेरा छा जाता था। जिसके कारण उन्होनें न जाने कितने टेस्ट, एमआरआई स्कैन और हार्ट टेस्ट कराएं, लेकिन रिपोर्ट में सब नार्मल निकला, लेकिन जब वह आंखो के डॉक्टर के पास गई तो उनके सामने ये बात आई। जिसका नाम 'ट्रांजिएंट स्मार्टफोन ब्लाइंडनेस' बता रहे हैं।
ये हैं इस बीमारी के लक्षण
इस रिपोर्ट के अनुसार लंदन के एक आंखों के ह़ॉस्पिटल के डॉक्टर जारडन प्लांट ने इन महिलाओं से पूछा कि ऐसा कब, कैसे हुआ। तब इन महिलाओं ने बताया कि जब वह कमरे की लाइट को बंद करके अपने बेड में अपनी एक आंखे से स्मार्ट फोन को देखते थे। दूसरी आंखो को तकिएं से ढक लेते थे। इसके बाद जब हम फोन रखते थे। तो कुछ भी दिखाई नहीं देता था। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो आप संभल जाइए। जिससे आपको टेम्परेरी ब्लाइंडनेस न हो।
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