हेल्थ डेस्क: भले ही साइंस ने कितनी ही तरक्की कर ली हो, लेकिन आज भी डॉक्टर्स की लापरवाही देखने को मिलती है। डॉक्टर की एक लापरवाही किसी के लिए कितना बुरा हाल कर सकती है। इसके तस्वीर को देखकर आप आसानी से अंदाजा लगा सकती है। जी हां छत्तीसगढ़ में रहना वाला ये 6 वर्षीय लड़का किसी गंभरी बीमारी से पीडित है। जिसका इंलाज कराने में माता-पिता असफल है। जिसके कारण उन्होंने इस लड़के को शोध करने की इजाजत दे दी है।
नगर के पुराना बस स्टैंड स्थित गीता मोबाइल शॉप के संचालक नितिन गर्ग ने बताया कि उनका बेटा श्रवण गर्ग अब छह वर्ष का हो चुका है। श्रवण का जब जन्म हुआ, तब से लेकर अब तक वे श्रवण के इलाज के लिए दर्जनों बड़े से बड़े डॉक्टरों के पास गए, मगर किसी भी डॉक्टर ने न तो बीमारी का नाम बताया और न ही कोई दवा दी।
बड़ी बात यह है कि, अब तक कोई डॉक्टर उसका इलाज नहीं कर सका है या यह कहें कि, उसकी बीमारी का नाम तक चिकित्सक नहीं बता पाए हैं। मजबूर परिजन अब अपने बच्चे को प्रयोगों के लिए समर्पित करने को भी तैयार हैं, ताकि आने वाले समय में कोई और माता-पिता अपने ऐसे बच्चों का उपचार करा सकें।
ये है बीमारी
श्रवण के दोनों पैर उसके शरीर से भी भारी हैं। इस कारण वह चल-फिर नहीं सकता। एक माता-पिता के सामने मेडिकल साइंस की विफलता के बाद किस प्रकार की मनोस्थिति होगी, यह तो वे ही समझ सकते हैं। व्यवसायी नितिन गर्ग की दो बेटी व एक छोटा बेटा श्रवण है।
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