नई दिल्ली: भारत के प्रमुख त्योहार में से एक दिवाली को लेकर भारत के हर कोने में तैयारियां शुरु हो गई है। रोशनी का त्योहार दिवाली का आगाज हो चुका है। दिवाली ही ऐसा मौका होता है जब हम अपने आसपास जितनी ज्यादा हो सके लाइटिंग, दिया का इस्तेमाल करते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं घर की सफाई, घर को सजाने से लेकर हर चीज का खास ख्याल रखा जाता है। लेकिन दिवाली के कई साइड इफेक्ट्स हैं। हर साल की तरह इस बार भी दिवाली के पहले ही एयर पॉल्यूशन अपनी सीमा से बाहर जा रही है। दिवाली गिफ्ट और मिठाई के बिना अधूरा है लेकिन कई लोगों का मानना है कि दिवाली फटाखे और क्रैकर के बिना भी अधूरा है। लेकिन इस पटाखों का असर दिवाली के अगले दिन दिखता है।
चारों तरफ स्मॉग इतना ज्यादा फैला होता है कि किसी ऊंची बिल्डिंग, रोड कुछ भी साफ नहीं दिखाई देते। आपको जानकर हैरानी होगी कि जितने पूरे साल में हवा गंदा नहीं होता वह एक ही रात में हवा 42 बार पहले से ज्यादा गंदी हो जाती है। और ये हम दिल्ली की बात कर रहे हैं। दिल्ली की यह स्थिती होती है जिसमें आप घर में अपने आप को बंद भी नहीं कर सकते हैं क्योंकि काम करने वाले लोग ऑफिस जाएंगे, बच्चे स्कूल जाएंगे ही। और इस एयर पॉल्यूशन में जब आप बाहर निकलते हैं इसका असर आपके, फेफड़ा, बालों और स्किन पर पड़ता है। आपको इस दिवाली से पहले बताने जा रहे हैं कुछ खास आयुर्वेदिक टिप्स बताएंगे जिससे आप इस एयर पॉल्यूशन में अपनी फेफड़े की देखभाल कर सकते हैं।
गाजर के फायदे
गाजर का रस शरीर की ताकत व आत्मबल को बढ़ाता है। गाजर ह्रदय की धमनियों को ठीक रखती है| वह बीमारियां जिनमें मीठा लेना मना होता है, जैसे मधुमेह आदि को छोड़कर प्राय: प्रत्येक रोग में गाजर का इस्तमाल किया जा सकता है। फल-सब्जियों में मिलने वाले मिनरल, विटामिन्स तथा खनिज इनको कुदरती रूप में ही खाने से हमारे शरीर में आसानी से पहुंच पाते हैं। उबालकर, छीलकर या तेल में तलकर इनके काफी गुण नष्ट हो जाते है ,इसलिए कोशिश करें की फल-सब्जियों को कच्चा छिलके सहित ही खाएं| शरीर के अंगों का निर्माण खाद्य पदार्थों से प्राप्त होने वाले खनिजो और लवणों से होता है। हमारे शरीर की सफाई शरीर से निकलने वाले पसीने, मल, कफ से होती है।
शरीर में खनिज नहीं पहुंचने से शरीर की सफाई पूरी तरह से नहीं होती है | सब्जियां जैसे गाजर, मूली, टमाटर ,नींबू (Lemon) से प्राप्त मिनरल रोग-निवारक और शारीरिक सुन्दरता बढ़ाने वाले होते है। (Alkaline) क्षारीय होने से गाजर रक्त साफ करती है। गाजर के गुण दूध तथा Cod liver oil और लाल पाम के तेल के गुणों के समान होते हैं। जो लोग Cod liver oil लेना नहीं चाहते हों, वे गाजर से समान लाभ ले सकते हैं। गाजर और सेब के गुण भी मिलते-जुलते हैं।
अदरक व शहद
अदरक व शहद का दूध पीने से शरीर मे कोलेस्ट्रॉल का लेवल कंट्रोल होता है। अगर आप अपना वजन कम करने की फिराक में हैं तो भी अदरक और शहद का दूध आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। यह आपके इनडाइजेशन की समस्या को भी दूर करता है। आजकल हर कोई सिरदर्द की समस्या से परेशान रहता है। ऐसे में अदरक-शहद का दूध आपके सिरदर्द को छूमंतर कर देता है। अदरक-शहद का दूध कब्ज की समस्या को भी दूर करता है। वहीं इससे जोड़ों का दर्द भी दूर होता है।हल्दी दूध
आयुर्वेद में हल्दी को सबसे बेहतरीन नेचुरल एंटीबायोटिक माना गया है। इसलिए यह स्किन, पेट और शरीर के कई रोगों में उपयोग की जाती है। हल्दी के पौधे से मिलने वाली इसकी गांठें ही नहीं, बल्कि इसके पत्ते भी बहुत उपयोगी होते हैं। ये तो हुई बात हल्दी के गुणों की, इसी प्रकार दूध भी प्राकृतिक प्रतिजैविक है। यह शरीर के प्राकृतिक संक्रमण पर रोक लगा देता है। हल्दी व दूध दोनों ही गुणकारी हैं, लेकिन अगर इन्हें एक साथ मिलाकर लिया जाए तो इनके फायदे दोगुना हो जाते हैं। इन्हें एक साथ पीने से यह कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं दूर होती हैं।
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