नई दिल्ली: आज कल दिल्ली और उसके आसपास के जगहों में इस बीमारी से मरने वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है। इसके शुरुआती लक्षण तो बहुत मामूली होते हैं लेकिन फिर ये एक भयानक संक्रमण का रूप ले लेती है। यह उग्र संक्रामक रोग है, जो 2 से लेकर 10 वर्ष तक की आयु के बालकों को अधिक होता है। डिप्थीरिया से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़ रही है। इंफैक्शन से फैलने वाली इस बीमारी के बैक्टीरिया हर साल सितंबर महीने में एक्टिव हो जाते हैं। हालांकि यह बीमारी बड़ों को भी हो सकती है लेकिन ज्यादातर बच्चे इसकी चपेट में आते हैं। इसका सबसे पहला लक्षण गले में इंफैक्शन होना है।
क्या है डिप्थीरिया?
यह गंभीर बैक्टीरियल इंफैक्शन है जो नाक और गले की झिल्ली को प्रभावित करता है। जिससे गला खराब, ग्रंथियों में सूजन,बुखार है। इस बीमारी में गहरे ग्रे रंग के पदार्थ की मोटी परत गले के अंदर जमना शुरू हो जाती है। यह इस बीमारी का मुख्य लक्षण है। यह परत सांस लेने वाली नलिकाओं को प्रभावित करके परेशानी पैदा करती है।ये हैं डिप्थीरिया के लक्षण
गले में खराश
गर्दन में सूजन और खांसी
सांस लेने में परेशानी
ठंड़ लगना
नाक,कान और गले में दर्द
वैक्सीनेशन है बचाव
बच्चों का टीकाकरण करवाना बहुत जरूरी है। नियमित टीकाकरण में डीपीटी का टीका लगाया जाता है। एक साल के बच्चे को डीपीटी के 3 टीके लगते हैं। इसके बाद डेढ़ साल पर चौथा और चार साल की उम्र में पांचवां टीका लगाया जाता है। इसके बाद डिप्थीरिया की परेशानी काफी हद तक कम हो जाती है।