हेल्थ डेस्क: एडीएचडी एक मानसिक स्वास्थ्य विकार समस्या है। जो कि व्यवहार में अति-सक्रियता उत्पन्न करती है। एडीएचडी यानी अटेंशन डिफिसिट हाइपरएक्टिव डिसऑर्डर आमतौर पर बच्चों को होने वाली समस्या है लेकिन आपको बता दें कि यह बीमारी बड़ो को भी हो सकती है। इस बीमारी में चीजों को रखकर भूल जाना, बात-बात में उदास हो जाना, नशे की लत आदि लक्षण दिखने लगते है।
एक अनुमान के अनुसार स्कूल के बच्चों को एडीएचडी 4% से 12% के बीच प्रभावित करता है। इसके अलावा लड़कियों की तुलना में लड़कों को ये समस्या ज्यादा होती है। एक शोध के मुताबिक भारत में हर 20 में से 1 व्यक्ति इस डिसआर्डर का शिकार है। लेकिन यह बीमारी बच्चों को होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। जानिए इस बीमारी के बारें में, लक्षण और कारण भी।
क्या है एडीएचडी
एडीएचडी अर्थात अटेंशन डिफिसिट हाइपरएक्टिव डिसऑर्डर, दिमाग से संबंधित विकार होता है जो बच्चों और बड़ों दोनों को हो सकता है। इस विकार के होने पर व्यक्ति के बिहेवियर में काफी बदलाव आता है। कई बार उनकी याददाश्त काफी कमजोर हो जाती है। अटेंशन डेफिसिट हायपरएक्टिविटी का वास्तव में अर्थ है कि किसी चीज में ठीक ढंग से ध्यान केंद्रित न कर पाना। (43 साल की उम्र में भी साउथ सुपरस्टार महेश बाबू लगते हैं 25 साल के, जानिए वर्कआउट और डाइट प्लान )
आपको यह बात जनकर हैरानी होगी कि बच्चों और बड़ों पर इसके लक्षण अलग-अलग होते है।
बच्चों में लक्षण
- किसी की निर्देश का पालन न करना।
- किसी की बात को न सुनना।
- स्कूल हो या घर हर जगह गलतियां करना।
- किसी भी काम को ठीक तरह से न करना।
- अपना होमवर्क करना भूल जाना।
- हमेशा उदास रहना।
- किसी भी चीज को लेकर संयम न होना।
- थोड़ी-थोड़ी सी बात पर चिल्लाना।
- अधिक बात करना। (प्रोस्टेट कैंसर को पनपने से रोकते हैं ये घरेलू नुस्ख़े, एक बार पुरुष जरूर पढ़ें )
बड़ों पर दिखते है ये लक्षण
- आसानी से किसी भी चीज से ध्यान न हचाना।
- किसी भी चीज की प्लानिंग न होना।
- हमेशा उदास रहना।
- हमेशा डिप्रेशन में रहना।
- छोटी-छोटी सी बात पर बैचेन हो जाना।
- नौकरी, रिश्तों को लेकर समस्या होना।
- हमेशा हर चीज में देरी करना।
- बातों को घुमाना।
एडीएचडी का कारण
इसका मुख्य क्या कारण है। अभी तक इस बात में कोई बात सामने नहीं आई है। लेकिन कई कारण है जो सामने आए है जैसे कि शरीर में हार्मोनल परिवर्तन, जंक फूड का अधिक सेवन, ऑयली चीजों का अधिक सेवन, समय से पहले जन्म होना, सिर में कोई गंभीर चोट लगना।
एडीएचडी का इलाज
अगर बच्चों में ऐसे कोई भी लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जिससे कि उसका जल्द से जल्द ट्रिटमेंट शुरु हो। इस बीमारी को ठीक करने के लिए खई तरह की थेरेपी है जैसे कि साइकोथेरेपी (काउंसलिंग), बिहेवियरल थैरेपी, डांस थैरेपी और प्ले थैरेपी आदि।