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डाइटिंग के चक्कर में कहीं आप भी तो नहीं हो रही हैं इस बीमारी का शिकार, लक्षण हैरान करने वाले

डाइटिंग के चक्कर में कई बार लड़कियों को लेने के देने पड़ जाते हैं। जी हां ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि रिसर्च में यह बात सामने आई है। कई बार ऐसा होता है कि लड़कियां डाइटिंग के दौरान ये सोचती हैं कि कम खाने से या दिन में दो बार खाना खाने से वह पतली हो जाएंगी। 

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published : June 29, 2018 13:37 IST
dieting
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हेल्थ डेस्क: डाइटिंग के चक्कर में कई बार लड़कियों को लेने के देने पड़ जाते हैं। जी हां ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि रिसर्च में यह बात सामने आई है। कई बार ऐसा होता है कि लड़कियां डाइटिंग के दौरान ये सोचती हैं कि कम खाने से या दिन में दो बार खाना खाने से वह पतली हो जाएंगी। अगर आप भी डाइटिंग करने जा रही हैं और यह सोच रखती हैं तो इस बात को बिल्कुल अपने दिमाग से निकाल दीजिए। क्योंकि इस तरह से डाइटिंग करने से आप पतली हो न हो लेकिन आप एक नई बीमारी घर जरूर ले आएंगे।

आजकल डाइटिंग और बाहर भोजन करना एक फैशन बन गया है और बहुत-सी लड़कियां इस फैशन के कारण 'पीसीओडी' का शिकार हो रही हैं। पुराने जमाने में जब लड़कियां किशोरावस्था में पहुंचती थीं, तो उन्हें बादाम, घी, मक्खन, मलाई आदि जैसे कई सेहतमंद आहार खिलाए जाते थे। इससे उनके शरीर में कमजोरी नहीं होती थी और उनका मासिक धर्म भी समय से आता था।

लेकिन आज बदलती हुई जीवन शैलियों और प्रवृत्तियों के चलते लड़कियों के शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इसके कारण 'पीसीओडी' यानी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज की समस्या लड़कियों में देखी जा रही है।

यह एक प्रकार का हार्मोनल डिसऑर्डर है, जो कि आजकल की लड़कियों व महिलाओं में बहुत आम है।  यह परेशानी तब आती है, जब हमारी ओवरी में एक अंडे के स्थान पर कई सारे छोटे-छोटे अंडे बनना शुरू हो जाते हैं, लेकिन उनमें से एक भी सही नहीं होता। ऐसी स्थिति में महिलाओं के मासिक धर्म सामान्य तौर पर नहीं होते हैं। 

आजकल की लड़कियां स्लिम दिखने के लिए कम खाना खाती हैं या डाइटिंग का सहारा लेती हैं। लेकिन इससे उनके शरीर को नियमित पोषण और आहार नहीं मिल पाता, जिससे वह आंतरिक रूप से भी कमजोर हो जाती हैं।

दूसरी ओर देखा जाए, तो आजकल बाहर का भोजन करना भी एक फैशन बन गया है और बहुत सी लड़कियां फैशन के कारण बढ़ते हुए वजन की शिकार बन रही हैं। ऐसे ही बदलते हुए मॉडर्न ट्रेंड्स की वजह से महिलाएं बांझपन का शिकार हो रही हैं। 

डाइट में हो यह आहार

अपने आहार में फलों और सब्जियों को अधिक से अधिक शामिल करें और डेयरी उत्पादों से बचें। 

सैचुरेटेड और हाइड्रोजनेटेड से होने वाले मोटापे से बचें और कुछ भी खाने से पहले लेबल पर छपे निर्देशों को जरूर पढ़ें। यही फैट्स, महिलाओं की ओवरीज में इकट्ठा होकर बांझपन को जन्म देते हैं।

पीसीओडी रोगी के लिए सेहतमंद नाश्ता करना बहुत जरूरी है, जिसमें अंडे, दूध, फल, बादाम, जूस और मल्टीग्रेन ब्रेड जरूर होनी चाहिए। दोपहर में ब्रैन रोटी, हरी सब्जी और दही का सेवन जरूर करें।

महिलाओं के लिए बहुत आवश्यक है कि वह ब्रिस्क वॉकिंग, साइकिलिंग, एयरोबिक्स, योग या लाइट वर्कआउट जैसी शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा लें।

हमेशा हाइड्रेटेड रहें और दिनभर में 3 से 4 लीटर पानी जरूर पिएं। पानी पीने से वजन भी कम होता है।

चीनी, गुड़, मैदा, सूजी, सफेद चावल और पोहा जैसे अनाज से बचें।  सुबह एक गिलास गरम पानी में दो चम्मच सेब का विनेगर मिलाकर अवश्य पिएं।

लक्षण
अनियमित मासिक धर्म होना और हमेशा थका-थका महसूस करना।
वजन असामान्य तौर पर बढ़ना या चेहरे पर मुहांसे और रैशेस हो जाना।  
असामान्य रूप से चेहरे एवं शरीर पर बाल आना और कई बार बाल झड़ने भी लगते हैं।

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