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डायबिटीज जनित रेटिनोपैथी की जरुर कराएं चेकअप, ऐसे रखें खुद का ख्याल

डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में से लगभग 40 प्रतिशत डायबिटीज जनित रेटिनोपैथी से भी पीड़ित होते हैं। आंखों की देखभाल के लिए मधुमेह जनित रेटिनोपैथी की जांच जरूरी है। जानिए क्या है और कैसे बचे इस रोग से...

Edited by: India TV Lifestyle Desk
Published on: August 06, 2017 13:31 IST
diabetic retinopathy- India TV Hindi
diabetic retinopathy

हेल्थ डेस्क: डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में से लगभग 40 प्रतिशत डायबिटीज जनित रेटिनोपैथी से भी पीड़ित होते हैं। आंखों की देखभाल के लिए मधुमेह जनित रेटिनोपैथी की जांच जरूरी है। (रोजाना करें इस ड्रिंक सेवन और पाएं सिर्फ 3 दिनों में पेट की चर्बी कम)

जानिए क्या है डायबिटीज जनित रेटिनोपैथी

मधुमेह जनित रेटिनोपैथी छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचने से होती है। ये रक्त वाहिकाएं ही रेटिना को पोषण पहुंचाती हैं। क्षतिग्रस्त होने पर इनमें से रक्त व अन्य तरल पदार्थो का रिसाव होने लगता है, जिससे रेटिना के ऊतकों में सूजन आ जाती है और नजर धुंधलाने लगती है। यह स्थिति आमतौर पर दोनों आंखों को प्रभावित करती है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मुताबिक, हालांकि मधुमेह जनित रेटिनोपैथी हमेशा से ही मधुमेह से जुड़ी एक बड़ी परेशानी रही है, लेकिन हाल के वर्षो में इसके मामलों में वृद्धि देखने में आ रही है। यदि समय पर उचित कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति और अधिक खराब हो सकती है।

आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, "मधुमेह जनित रेटिनोपैथी को मधुमेह पीड़ितों में अंधेपन का प्रमुख कारण माना जाता है। हालांकि, यह एक ऐसी स्थिति है, जिसे ठीक किया जा सकता है और होने से रोका भी जा सकता है।"

उन्होंने कहा, "कुछ कारक जो इस स्थिति को बढ़ाते हैं, उनमें प्रमुख हैं- ग्लाइसेमिक नियंत्रण में कमी, उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर। ज्यादातर रोगियों में, मधुमेह जनित रेटिनोपैथी आमतौर पर एकदम से पता नहीं चल पाती, यानी इसके लक्षण हल्के होते हैं। इस कारण से, मधुमेह पीड़ित लोग इस बात से तब तक अनजान रहते हैं, जब तक कि रोग बढ़ नहीं जाता।"

डॉ. अग्रवाल ने कहा, "खोया हुआ विजन बहाल नहीं हो सकता। इसलिए, यह आवश्यक है कि मधुमेह पीड़ित व्यक्ति रेटिनोपैथी का पता लगाने के लिए नियमित रूप से जांच कराते रहें। नजर खोने और कमजोर होने से रोकने के लिए शुरू में ही ध्यान देना महत्वपूर्ण है।"

नेत्र रोगों की सूची में मधुमेह जनित रेटिनोपैथी भी एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने इसे अपने विजन 2020 : राइट टू साइट इनीशिएटिव में शामिल किया है। यह इंटरनेशनल एजेंसी फॉर दि प्रीवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस की प्राथमिकता सूची में भी सम्मिलित है।

डॉ. अग्रवाल ने बताया, "हालांकि बीमारी बढ़ने के बाद ही इसके लक्षण दिखाई देते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण भी हैं जैसे कि दृष्टि में धुंधलापन, आंखों के पास धब्बे, दोहरी दृष्टि और आंखों में दर्द। लेजर सर्जरी का इस्तेमाल करके अक्सर इसका इलाज किया जाता है, लेकिन मधुमेह के प्रत्येक चरण में रेटिनोपैथी का उपचार एक अलग तरीके से किया जा सकता है।"

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