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हार्मोन के असंतुलन की वजह से हो सकती है थायराइड की बीमारी, जानिए कैसे

देश में करीब 4.2 करोड़ लोग किसी न किसी तरह से थायराइड से पीड़ित है। जीवनशैली में बदलाव से आम भारतीय परिवारों खासतौर से शहरी परिवारों में थायराइड की चर्चा आम हो गई है। थायराइड हार्मोन के असंतुलन से जुड़ा है और इसमें मुख्यतया पांच विकार होते हैं। 

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: May 26, 2018 14:49 IST
thyroid- India TV Hindi
thyroid

हेल्थ डेस्क: देश में करीब 4.2 करोड़ लोग किसी न किसी तरह से थायराइड से पीड़ित है। जीवनशैली में बदलाव से आम भारतीय परिवारों खासतौर से शहरी परिवारों में थायराइड की चर्चा आम हो गई है। थायराइड हार्मोन के असंतुलन से जुड़ा है और इसमें मुख्यतया पांच विकार होते हैं। 

थायराइड के कम व अधिक स्राव से शरीर के मेटाबोलिज्म पर असर पड़ता है। ऐसे में यह बेहद महत्वपूर्ण ग्रंथि है। थायराइड तितली के आकार की एक ग्रंथि है जो सांस की नली के पास पाई जाती है। यह शरीर के मैटाबोलिज्म का नियंत्रण बनाए रखती है। 

इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के एंड्रोक्रानोलॉजिस्ट, डाइबेटोलॉजिस्ट एवं वरिष्ठ चिकित्सक डा. एस.के.वांगनू ने कहा कि थायराइड से जुड़ी आम समस्याओं की बात करें तो इसमें पांच प्रकार के विकार होते हैं। इसमें हाइपोथायराइडिज्म, हाइपरथायराइडिज्म, आयोडीन की कमी के कारण होने वाले विकार जैसे गॉयटर/गलगंड, हाशिमोटो थायराइडिटिस और थायराइड कैंसर शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि थायराइड ग्रंथि से दो हॉर्मोन बनते हैं- टी 3 (ट्राई आयडो थायरॉक्सिन) और टी 4 (थायरॉक्सिन)। यह हार्मोन शरीर के तापमान, मेटाबोलिज्म और हार्ट रेट को नियंत्रित करते हैं। थायराइड ग्रंथि पर पीयूष/ पिट्यूटरी ग्लैंड का नियंत्रण होता है जो दिमाग में मौजूद होती है। इससे थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (टीएसएच) निकलता है। जब शरीर में इन हार्मोन का संतुलन गड़बड़ होता है तो व्यक्ति थायराइड का शिकार हो जाता है।

हाइपोथायराइडिज्म स्थिति में थायराइड हार्मोन का स्रवा कम होता है, जिससे शरीर का मेटाबोलिज्म बिगड़ (धीमा हो) जाता है। इसके विपरीत हाइपरथायराइडिज्म तब होता है जब थायराइड हार्मोन की मात्रा शरीर में ज्यादा बनती है, जिससे मेटाबॉलिज्म तेज हो जाता है।

वांगनू ने कहा कि आयोडीन थायराइड हार्मोन को बनाने के लिए जरूरी है, इसलिए इस मिनरल की कमी के कारण गॉयटर जैसे रोग हो जाते हैं। यही वजह है कि आयोडीन युक्त नमक खाने की सलाह दी जाती है।

हाशिमोटो थायरॉइडिटिस तब होता है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली थायराईड पर हमला कर देती है। थायराइड कैंसर पर्यावरणी कारकों व आनुवांशिक कारणों से होता है।

उन्होंने कहा कि यह कहना गलत नहीं होगा कि आज थायराइड की बीमारियां जीवनशैली के साथ जुड़ चुकी है। डायबिटीज, हाइपरटेंशन और लिपिड डिसऑर्डर के साथ इनका सीधा संबंध पाया गया है। गलत आहार जैसे वसा युक्त खाद्य पदार्थ, ज्यादा कैलोरी के सेवन, विटामिन और मिनरल्स की कमी से शरीर अपना काम ठीक से नहीं कर पाता। इससे वजन बढ़ना और मोटापा/ओबेसिटी जैसी समस्याएं भी बढ़ती हैं। 

ऐसे कई विटामिन और मिनरल्स हैं जो थायराइड हार्मोन बनाने के लिए जरूरी हैं। अगर आप जरूरी पोषक पदार्थ से युक्त संतुलित आहार नहीं लेंगे तो थायराइड जैसी बीमारियों का सामना करना होगा।

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