हेल्थ डेस्क: जयपुर के बाद दिल्ली में भी जीका वायरस का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस बारें में डॉक्टर्स का कहना है कि जयपुर में जीका वायरस की पुष्टि हो गई है। अगर वायरस जयपुर में है तो दिल्ली आने में देर नहीं लगेगी। कई डॉक्टर्स का कहना है कि दिल्ली में भी जीका वायरस पहुंच चुका है। वहीं डेंगू मच्छर जीका वायरस फैलाने में मददगार साबित हो रहा है। जी हां डेंगू फैलाने वाला मच्छर एडिस जीवा वायरस ट्रांसफर करने में सक्षम है।
वहीं एक्सपर्ट का कहना है कि अगर किसी प्रेग्नेंट महिला को डेंगू वाला बुखार है तो वह जीका वायरस का भी टेस्ट कराएं। क्योंकि जीका वायरस का सबसे ज्यादा खतरा प्रेग्नेंट महिलाओं और बच्चों को होता है। (जीका वायरस: जानिए इसके बारें में कुछ खास बातें और बचाव)
नहीं बनी जीका वायरस की अभी तक कोई वैक्सीन
आपको बता दें कि जीका वायरस की अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी हैं। इसलिए सिर्फ एक ही उपाय है कि आप मच्छरों के काटने से बचें। यह वायरस अफ्रीका में सन 1940 में खोजा गया था। जो अब तेजी से लैटिन अमेरिका के साथ दुनिया में फैल रहा है। इसके बाद धीरे-धीरे यह वायरस अफ्रीका में भी फैलने लगा। जहां से यह दक्षिण प्रशांत और एशिया की कईं जगहों में फैला। इस साल इस वायरस के लक्षण ब्राजील में देखे गए। डॉक्टरों का कहना है कि 2014 में हुए विश्व कप के दौरान ही शायद यह वायरस ब्राजील आया था। (रोजाना लें एक कप ग्रीन कॉफी और 15 दिन के अंदर 5 kg वजन आसानी से कर सकते हैं कम)
जीका वायरस के लक्षण
इसके लक्षण 5 में से 1 व्यक्ति के ही समझ में आते है। इस वायरस से शिकार व्यक्तियों को जोड़ों में दर्द, आंखें लाल होना, उल्टी होना, बैचेनी होना आदि समस्या है। इसमें शिकार व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
ऐसे करें जीका वायरस से बचाव
- जितना हो सकें उतना मच्छरों की रोकथाम करें, क्योंकि जीका वायरस इन्हीं से फैलते है।
- घर में कही भी पानी का स्टोर न करें। जैसे कि टायर, टंकी, बाल्टी, कूलर आदि, क्योंकि मच्छर साफ पानी में भी प्रजनन कर देते है।
- बुख़ार, गले में ख़राश, जोड़ों में दर्द, आंखें लाल होने जैसे लक्षण नज़र आने पर अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन और भरपूर आराम करें।
- अभी तक जीका वायरस का टीका नहीं बना है। इस बारें में डब्ल्यूएचओ का कहना है कि स्थिति में सुधार नहीं होने पर फ़ौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
- मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढककर रखें। इसके साथ ही हल्के रंग के कपड़े पहनें