दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में ठंड का प्रकोप छाया हुआ है। ठिठुरन और सर्द हवाओं से लोगों का जीवन बेहाल हो गया है। जहां लोगों से गर्म कपड़े निकाल लिए। जिससे सर्दी से खुद का बचाव कर सके। लेकिन अगर आपने थोड़ी सी भी लापरवाही की तो आपको लिए जानलेवा साबित हो सकता है। डॉक्टर्स के अनुसार सर्दियों के मौसम में हमारे बॉडी का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक नहीं रह पाता है। जिसके कारण हाइपोथार्मिया, हार्ट जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है। सर्दियों के मौसम में खासकर बच्चों और बुजुर्गों को अपना बचाव करना बहुत ही जरुरी है। जानें हाइपोथार्मिया रोग के बारे में सबकुछ।
क्या है हाइपोथार्मिया रोग?
इस बारे में डॉक्टर्स का कहना कि जब हमारे शरीर का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से कम हो जाता है। तो हमारा दिमाग ठीक से काम करना बंद कर देते है जिससे चापमान कंट्रोल नहीं हो पाता है। इसी स्थिति को हाइफोथार्मिया कहा जाता है।
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हाइपोथर्मिया के लक्षण
- सर्दी-जुकाम हो जाना।
- नाक से पानी आने लगना।
- आखों से पानी आना। गले में खराश के साथ हल्का गला दर्द होना।
- सांस लेने की गति को बढ़ा देना।
- आंखो में भारीपन, जलन
- शरीर में दर्द
- जकड़न
- सांस लेते समय आवाज आना।
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- बच्चों की स्किन लाल और ठंडी पड़ जाना।
- मेमोरी लॉस होना।
ऐसे करें बचाव
डॉक्टरों का कहना है कि सर्दियों के मौसम में सबसे अधिक बुजुर्गों और बच्चों को केयर करने की जरुरत है। घर के टेंपरेचर में थोड़ा ध्यान दें। इसके साथ ही बाहर निकलने से पहले खुद को ठीक ढंग से ढक लें। जिससे कि कही से भी शरीर में हवा न लगे। अगर आपको लगे कि आप इस रोग से ग्रसित है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बिना डॉक्टर से पूछे किसी दवा का सेवन न करें।