इसमें कहा गया है कि सामाजिक गतिविधियों में शामिल रहने वाले लोगों में उन लोगों की अपेक्षा याददाश्त एवं सोचने संंबंधी समस्याएं विकसित होने की 23 फीसद कम संभावना थी, जो सामाजिक गतिविधियों में शामिल नहीं होते हैं।
पत्रिकाएं पढ़ने वाले लोगों में ऐसी समस्याएं होने की 30 फीसद कम संभावना है। बुनाई जैसी कारीगरी वाली गतिविधियों में शामिल लोगों में स्मरणशक्ति संबंधी समस्याएं विकसित होने की संभावना 16 फीसद कम है।
अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि कोई खेल खेलने वालों में ऐसी समस्याएं विकसित होने की संभावना 14 फीसद कम है। मायो क्लीनिक की जेनीना क्रेल रोश ने कहा,‘परिणाम उम्र बढ़ने के साथ दिमाग सक्रिय रखने की महत्ता को दर्शाते हैं।
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