नई दिल्ली: त्वचा विशेषज्ञ, सेंसिटिव स्किन को बहुत ही ड्राई स्किन के रूप में परिभाषित करते हैं, और इसकी हालत तब खराब मानी जाती है जब इसे किसी मेडिकल ट्रीटमेंट की जरुरत पड़ती है। यही कारण है कि त्वचा विशेषज्ञ ऐसी स्किन वाले लोंगो को सर्दियों में अपनी स्किन का खास ख्याल रखने के लिये बोलते हैं। सर्दियों में केवल स्किन को क्लीजिंग, टोनिंग और मॉइस्चराइजिंग कर लेने भर से काम नहीं चलता बल्कि और भी बहुत सी ऐसी चीज़ें हैं जो करनी पड़ती हैं।
सर्दियों में एलर्जी आम बात है। एलर्जी में जरा सी लापरवाही गंभीर रूप ले सकती है। किसी भी गंभीर समस्या से बचे रहने के लिए एलर्जी और इसके लक्षणों के बारे में जानना बेहद जरूरी है। इस लेख के जरिए हम आपको बता रहे हैं सर्दियों में होने वाली एलर्जी और इसके लक्षणों के बारे में।
सर्दियों को सेहत के लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन यह मौसम एलर्जी का कारण भी होता है। संवेदी त्वचा वाले लोगों के लिए इस मौसम में ज्यादा परेशानी होती है। डॉक्टरों के मुताबिक ठंड बढ़ने के साथ ही एलर्जी रोगियों की संख्या में भी वृद्धि होती है। यदि आप भी एलर्जी से दूर रहकर सर्दियों के सुहाने मौसम का लुत्फ उठाना चाहते हैं, तो अपनी सेहत और किसी भी प्रकार की एलर्जी के प्रति सजग रहें।
आपको यह पता होना चाहिए कि सर्दी में किस प्रकार की एलर्जी हो सकती है व इसके लक्षण क्या होते हैं। सर्दियों में एलर्जी होने के कई कारण होते हैं। कई कारणों में से एक कारण कपड़े भी होते हैं। गर्म कपड़ों से एलर्जी होने के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं। ऐसे में शरीर पर खुजली और चकते या फफोले हो जाते हैं। खुली हुई त्वचा ऐसे में शुष्क हो जाती है। कई बार एलर्जी इस कदर बढ़ जाती है कि नाक और कान लाल हो जाते हैं। वहीं होठों पर सफेद रंग की परत बन जाती है।
सर्दियों में होने वाली एलर्जी
सर्दियों में नाक की एलर्जी सबसे ज्यादा होती है। इस एलर्जी को नेजल 'ब्रॉनकियल एलर्जी' भी कहते हैं। एलर्जी होने के लिए यदि धूल व मिट्टी जिम्मेदार हो तो उपचार के लिए एंटीहिस्टामिनिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। यदि लंबे समय से एलर्जी की समस्या है, तो उपचार के लिए एंटी एलर्जिक दवा के साथ ही स्टेरॉयड या स्प्रे का उपयोग भी किया जा सकता है। अस्थमा के मरीजों को एलर्जी से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार इन्हेलर का इस्तेमाल करना चाहिए।सर्दियों में होने वाली एलर्जी के लक्षण
सांस की तकलीफ से पीड़ित लोगों में मौसम के बदलाव के साथ छाती में जकड़न और सांस लेने में परेशानी की समस्या बढ़ जाती है। बच्चों व वयस्कों की सांस की नली (रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट) के ऊपरी व निचले भाग में भी संक्रमण बढ़ जाता है। इसके सामान्य लक्षणों के रूप में नाक बहना, छींक आना, आंखों में पानी आना, नाक में खुजली, बलगम जमा होना और थकावट आदि लक्षण हैं।
इसके अलावा सर्दियों में सन एलर्जी भी आम है। सर्दियों में अधिक देर तक धूप में बैठने से त्वचा जल जाती है और चेहरे व शरीर पर लाल व काले धब्बे हो जाते हैं। इस तरह की एलर्जी को सन एलर्जी कहा जाता है। इसके अवाला सर्दियों में स्केबिज नामक संक्रामक एलर्जी भी हो सकती है। सर्दियों में हमारी त्वचा बहुत कड़ी और रूखी हो जाती है, जिस कारण बहुत खुजली होती है। इसे स्केबिज कहते हैं।