हेल्थ डेस्क: बिहार में भीषण गर्मी के बीच 'चमकी बुखार' का कहर जारी है। राज्य के मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के इलाकों में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) और जापानी इंसेफलाइटिस (जेई) से पिछले एक हफ्ते में तकरीबन 23 बच्चों की मौत हो चुकी है। यह बीमारी हर साल इसी मौसम में मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के इलाकों के बच्चों को अपनी चपेट में लेती है। इस बुखार से पीड़ित बच्चों की उम्र 5-15 साल के बीच है। जानें इस बीमारी के बारे में सबकुछ।
क्या है चमकी बुखार (Acute Encephalitis Syndrome )
चमकी बुखार को एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के नाम से जाना जाता है। इस बीमारी में मस्तिष्क में सूजन हो जाती है। ये सब वायरल इंफेक्शन के कारण होता है। जो कि शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम और दिमाग के ऊतकों पर हमला करती है। इस बीमारी में तुरंत देखभाल की जरुरत पड़ती है। इसका सबसे बड़ा कारण वायरल इंफेक्शन होता है। जिससे हमारा शरीर लड़ता है। जो कि दिमाग में सूजन का कारण बन जाता है।
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चमकी बुखार के लक्षण
इस बीमारी के सबसे बड़ा लक्षण होता है कि सिरदर्द के साथ बुखार आना। इसके साथ ही फोटोफोबिया हो जाना जो एक समान लक्षण है। मांसपेशियों और ज्वाइट्स में दर्द
कमजोरी होना आदि नजर आते हैं।
अगर बीमारी बढ़ जाती है तो यह लक्षण नजर आते है।
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- बिना किसी बात के भ्रम उत्पन्न होना।
- दिमाग संतुलित न रहना।
- पैरालाइज होना जाना।
- मांसपेशियों में कमजोरी
- बोलने और सुनने में समस्या
- बेहोशी आना।
बच्चों में नजर आते है ये लक्षण
- शिशुओं की खोपड़ी के नरम स्थानों (फॉन्टानेल्स) में उभार आना
- उल्टी या जी मिचलाना
- चिड़चिड़ापन
- शरीर में अकड़न होना।
अगर आपको यह लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसमें पैनिक होने की जरुरत नहीं है। टेस्ट होने के बाद की यह बात कंफर्म होगी कि आपको चमकी बुखार है कि नहीं।