हेल्थ डेस्क: गर्भवती महिलाओं के जहरीले रसायन के संपर्क में आने से उनके बच्चों के फेफेड़े में परेशानी हो सकती है। यह बात हाल ही में द लांसेट जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट से उजागर हुई है। स्पेन के ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता अपने शोध के दौरान माता-शिशु के 1,033 जोड़ों से प्राप्त तथ्यों का परीक्षण करने के बाद इस नतीजे पर पहुंचे कि बच्चों के जन्म से पहले पैराबेंस फ्थेलेट्स और परफ्लुओरोअल्काइल सब्सटैंस (पीएफएएस) के संपर्क और बच्चों के फेफड़े के ठीक से काम न करने के बीच संबंध है।
घरेलू उत्पादों और खाद्य पदार्थो की पैकेजिंग में पीएफएएस पाए जाते हैं। भोजन और पानी के जरिए जीवों द्वारा पीएफएएस अवशोषित किया जा सकता है और नाभि के माध्यम से अजन्मे बच्चों तक जा सकता है।
विश्वविद्यालय के शोधकर्ता प्रोफेसर मार्टिन वृझीड ने कहा, "इन तथ्यों का जन-स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण निहितार्थ है। रोकथाम के उपायों से रासायनिक पदार्थो के संपर्क से बचा जा सकता है। इसके अलावा सख्त विनियमन और जन-जागरूकता के लिए उपभोक्ता वस्तुओं पर लेबल लगाने से बचपन में फेफेड़े खराब होने से रोकने में मदद मिल सकती है और लंबे समय में स्वास्थ्य में इसका लाभ मिल सकता है।"
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