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सावधान! कही आपका बेबी सीजेरियन प्रसव से तो नहीं हुआ पैदा

शोधकर्ताओं ने पाया कि यह खतरा तब और भी बढ़ जाता है जब नवजात की मां मोटापे का शिकार हो। इसमें सिफारिश की गई है कि मोटापे की शिकार माताओं को बच्चे की सामान्य डिलीवरी ही करनी चाहिए, इससे बच्चे में मोटापे का खतरा टल सकता है।

India TV Lifestyle Desk
Updated on: November 14, 2016 19:24 IST
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हेल्थ डेस्क: बच्चा किस तरह पैदा हुआ है या नि सीजेरियन या फिर नार्मल यह उसकी सेहत के लिए बहुत ही जरुरी माना जाता है। अगर बेबी सीजेरियन से हुआ है, तो उसके बीमार होने के चान्सेस सबसे ज्यादा होता है। साथ ही एक शोध में ये बात सामने आई कि सीजेरियन सेक्सन के माध्यम से पैदा हुए बच्चों में मोटापे का खतरा उन बच्चों की तुलना में अधिक होता है जो सामान्य तरीके से पैदा होते हैं।

ऑपरेशन के जरिए पैदा हुए बच्चों में सामान्य प्रसव की तुलना में मोटापे की संभावना 15 फीसदी अधिक होती है। यह जानकारी एक अध्ययन में सामने आई है। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि यह खतरा वयस्क होने तक बना रहता है।

 शोधकर्ताओं के एक दल ने यह जानकारी दी है। अमेरिका के लुसियाना के न्यू ऑरलीअन्स में हुए अमेरिकन हर्ट एसोसिएशन्स साइंटिफिक सेसंस 2016 में प्रस्तुत किए गए इस अध्ययन के मुताबिक सीजेरियन से पैदा हुए बच्चों में मोटापे का खतरा 40 फीसदी अधिक होता है।

शोधकर्ताओं ने पाया कि यह खतरा तब और भी बढ़ जाता है जब नवजात की मां मोटापे का शिकार हो। इसमें सिफारिश की गई है कि मोटापे की शिकार माताओं को बच्चे की सामान्य डिलीवरी ही करनी चाहिए, इससे बच्चे में मोटापे का खतरा टल सकता है।

हालांकि मोटापे की शिकार माताओं के बच्चे भी अक्सर मोटे होते हैं, चाहे वह सामान्य तरीके से पैदा हों या सीजेरियन के जरिए। लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि सीजेरियन से पैदा हुए बच्चों में आगे भी मोटापे का खतरा बढ़ जाता है।

शोध प्रमुख और मैरीलैंड के बाल्टीमोर में स्थित जॉन्स हॉपकिंग्स यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर नोएड म्यूलर ने बताया, "हमारा मानना है कि प्राकृतिक रूप से बच्चे के जन्म के दौरान वे योनी के रास्ते में मौजूद लाभकारी माइक्रोब के संपर्क में आते हैं, इससे ही फर्क पड़ता है।"

म्यूलर ने कहा, "हमें लगता है कि ये माइक्रोब बच्चे के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं, जिसमें चयापचय में वृद्धि और प्रतिरक्षा प्रणाली का प्रशिक्षण शामिल है।"

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