Friday, December 27, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. हेल्थ
  4. विश्व कैंसर दिवस: 30 साल उम्र के ऊपर की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का खतरा अधिक, जरुर कराएं ये टेस्ट

विश्व कैंसर दिवस: 30 साल उम्र के ऊपर की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का खतरा अधिक, जरुर कराएं ये टेस्ट

पैथोलॉजी लैब एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स द्वारा सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग के लिए एचपीवी (ह्यूमन पैपीलोमा वायरस) जांच के विश्लेषण में पता चला है कि 31-45 वर्ष आयुवर्ग की महिलाओं में हाई-रिस्क एचपीवी के सबसे ज्यादा (47 फीसदी) मामले पाए गए हैं।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated : February 04, 2019 18:37 IST
Cervical Cancer
Cervical Cancer

हेल्थ डेस्क: पैथोलॉजी लैब एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स द्वारा सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग के लिए एचपीवी (ह्यूमन पैपीलोमा वायरस) जांच के विश्लेषण में पता चला है कि 31-45 वर्ष आयुवर्ग की महिलाओं में हाई-रिस्क एचपीवी के सबसे ज्यादा (47 फीसदी) मामले पाए गए हैं। यानी इनमें सर्वाइकलकैंसर की संभावना बहुत अधिक है। इसके बाद 16-30 वर्ष आयुवर्ग के 30 फीसदी मामलों में हाई-रिस्क एचपीवी पॉजिटिव पाया गया है। लैब की तरफ से जारी एक बयान के अनुसार, हाई रिस्क एचपीवी संक्रमण के लिए 2014 से 2018 के बीच देश भर में 4500 महिलाओं की ग्लोबल स्टैण्डर्ड मॉलिक्यूलर तरीके से जांच की गई। इनमें से कुल आठ फीसदी महिलाओं में हाई-रिक्स एचपीवी संक्रमण पाया गया।

एचपीवी क्या है?

बयान में लैब के आर एंड डी और मॉलीक्यूलर पैथोलोजी के एडवाइजर और मेंटर डॉ बी.आर. दास ने कहा है, "एचपीवी वायरसों का एक समूह है, जो दुनिया भर में आम है। एचपीवी के 100 से ज्यादा प्रकार हैं, जिनमें से 14 कैंसर कारक (हाई रिस्क टाईप) हैं। एचपीवी यौन संपर्क से फैलता है और ज्यादातर लोग यौन क्रिया शुरू करने के कुछ ही समय बाद एचपीवी से संक्रमित हो जाते हैं।"

दास ने कहा कि "सर्वाइकलकैंसर यौन संचारी संक्रमण है, जो विशेष प्रकार के एचपीवी से होता है। सर्वाइकलकैंसर और प्रीकैंसेरियस घाव के 70 फीसदी मामलों का कारण दो प्रकार के एचपीवी (16 और 18) होते हैं।"

इस कैंसर के कारण मौंत अधिक
बयान के अनुसार, सर्वाइकलकैंसर दुनिया भर में महिलाओं में कैंसर के कारण होने वाली मौतों का चौथा सबसे बड़ा कारण है।

इंटरनेशनल एजेन्सी फॉर रीसर्च ऑफर कैंसर द्वारा जारी एक रपट के अनुसार, इसके मामलों की दर 6.6 फीसदी तथा मृत्यु दर 7.5 फीसदी है। मानव विकास सूचकांक में सर्वाइकलकैंसर के मामलों और इसके कारण मृत्यु दर स्तन कैंसर के बाद दूसरे स्थान पर है।

सर्वाइकलकैंसर के टेस्ट
बयान के अनुसार, सर्वाइकलकैंसर की स्क्रीनिंग के लिए मुख्य टेस्ट हैं- पारम्परिक 'पैप स्मीयर' और 'लिक्विड बेस्ड सायटोलोजी टेस्ट', 'विजुअल इन्स्पैक्शन विद एसीडिक एसिड' और 'एचपीवी टेस्टिंग फॉर हाई रिस्क एचपीवी टाईप'।

डॉ. दास ने कहा, "एक अनुमान के मुताबिक सर्वाइकलकैंसर अल्प विकसित क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं में कैंसर का दूसरा सबसे आम प्रकार है। 2018 में सर्वाइकलकैंसर के कारण 3,11,000 महिलाओं की मृत्यु हुई, जिनमें से 85 फीसदी से ज्यादा मौतें निम्न एवं मध्यम आय वर्ग वाले देशों में हुईं। लेकिन सर्वाइकलकैंसर एकमात्र कैंसर है, जिसकी रोकथाम संभव है, अगर शुरुआती अवस्था में ही इसके लिए प्रयास किए जाएं।"

मनोहर पर्रिकर जूझ रहे हैं पैनक्रियाटिक कैंसर से, जानें इस बीमारी के लक्षण, कारण और बचाव

World Cancer Day: पुरुष ही नहीं महिलाएं भी होती है ब्लैडर कैंसर की शिकार, जानें लक्षण, कारण और ट्रिटमेंट

World Cancer Day 2019: सोनाली बेंद्रे ने पोस्ट शेयर करके बताया कैसे कैंसर से जीत सकते हैं जंग

.World Cancer Day 2019: शरीर में इस तरह फैलता है कैंसर, जानिए क्या होती है इसकी चार स्टेज

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Health News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement