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भारत में हर 2 मिनट में कैंसर के मरीज सामने आ रहे हैं: डॉ.अंशुमन

भारत में हर साल 10 लाख नए कैंसर के मरीज सामने आ रहे हैं जिसमे से 6 लाख से अधिक मरीजों की मौत हो जाती है। देश में बड़े पैमाने पर आखिर यह बीमारी क्‍यों हो रही है ? कैंसर होता क्‍या है और यह किन कारणों से फैलता है ? इन सभी प्रश्‍नों को इंडिया टीवी के रि

Kumar Kundan
Published on: June 08, 2017 23:23 IST
Cancer- India TV Hindi
Cancer

ई दिल्ली:भारत में हर साल 10 लाख नए कैंसर के मरीज सामने आ रहे हैं जिसमे से 6 लाख से अधिक मरीजों की मौत हो जाती है। देश में बड़े पैमाने पर आखिर यह बीमारी क्‍यों हो रही है ? कैंसर होता क्‍या है और यह किन कारणों से फैलता है ? इन सभी प्रश्‍नों को इंडिया टीवी के रिपोर्टर कुमार कुंदन ने धर्मशिला कैंसर अस्‍पताल के डायरेक्‍टर डॉक्टर अंशुमन के सामने रखे। इस बातचीत में जो प्रमुख बातें सामने आई उसे हम आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं:-

 
विज्ञान के विकास के बावजूद कैंसर आज भी खतरनाक

आज के दौर में एक तरफ हम नित नए टेक्‍नोलॉजी के जरिए उस बीमारी को जान पाने में कामयाब हो रहे हैं लेकिन निदान क्या हो इसपर अब भी डॉक्टर किसी नतीजे पर पूरी तरह नहीं पहुंच पाए हैं। जितनी तेजी से पता चलता है कि आपको एक जानलेवा बीमारी हुई है उससे कहीं ज्यादा तेजी से आप इससे बचने के उपाय भी ढूंढते हैं लेकिन जिंदगी की जंग काफी मुश्किल होती जाती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं उस खतरनाक बीमारी की जो भारत में हर 2 मिनट में किसी ना किसी को अपनी चपेट में ले रही है और उसका नाम है कैंसर।
 
क्या है कैंसर ?

आइए इसे हम सरल भाषा में समझने की कोशिश करते हैं। हमारा शरीर उत्तकों के जाल से बना हुआ है। शरीर के किसी भी हिस्से में अगर ये उत्तकों का जाल तय मानकों से ज्यादा हो जाए तो फिर उसमें कुछ बदलाव आ जाता है और वो कैंसर का रुप ले लेता है। अब इस बदलाव के कई कारक हैं।
 
क्यों होता है कैंसर ?

कैंसर का सबसे बड़ा कारक हमारी दौड़ती भागती जिंदगी है, जिसमें आगे निकलने की होड़ में हमारे ऊपर इतना तनाव आ जाता है कि उस तनाव को कम करने के लिए हम ऐसे रास्तों पर चल पड़ते हैं जो जिंदगी नहीं मौत की ओर ले जाती है। धर्मशिला अस्पताल के डायरेक्टर अंशुमन की मानें तो तनाव को दूर करने के लिए व्यक्ति सबसे पहले अल्‍कोहल का या तम्बाकू का प्रयोग करता है। जो कि बाद में कैंसर का कारक बनता है। वैसे ये बात भी दीगर है कि कुछ लोग मजे के लिए भी नशा करते हैं और ये वो नशा है जो जिंदगी को खत्‍म कर देता है।

प्रदूषण भी है कैंसर की बड़ी वजह

दूसरी सबसे बड़ी वजह है तेजी से बढ़ता प्रदूषण। जिस तरह से हमारे आस पास के वातावरण में जहर घुल रहा है उसका सीधा असर हमारे शरीर पर पड़ता है और ये कैंसर की बड़ी वजह साबित होता है। ग्लोबल वार्मिग भी इसकी एक बड़ी वजह है। ओजोन लेयर ग्लोबल वार्मिंग की वजह से जैसे-जैसे प्रभावित हो रही है ये भी कैंसर का एक बड़ा कारण है और उन देशों में जहां ग्लोबल वार्मिंग का ज्यादा खतरा है वहां इनके मरीजों की तादाद भी ज्यादा है।
 
भारत में हर साल 10 लाख नए मामले आ रहे हैं, 6 लाख की हो जाती है मौत

साल में 10 लाख से ज्यादा नए मामले और 6 लाख से ज्यादा मौत के आंकड़े रिपोर्ट होने की वजह से भारत में कैंसर का बोझ सबसे ज्यादा है। भारत में 70 फीसदी कैंसर से होने वाली मौत का कारण बीमारी का देरी से पता चलना है। सबसे अफसोसजनक बात ये है कि दुनियाभर की 0.5 फीसदी औसत की तुलना में 15 फीसदी रोगी बच्चे हैं।  

भारत में महिलाओं में खासकर बच्चेदानी के मुख में कैंसर की वजह से हर 8 मिनट में एक महिला की मौत होती है। महिलाओं में स्तन कैंसर की वजह से 2 में से एक महिला की मौत हो जाती है। भारत में सबसे ज्यादा हेड एंड नेक कैंसर के रोगियों की मौत होती है। हर दिन 2500 लोगों की मौत तंबाकू से संबंधित रोगों के कारण होता है। हेड एंड नेक में ही धूम्रपान भी आता है। जिसकी वजह से 5 पुरुषों में से 1 और 20 महिलाओं में से 1 की मौत हो जाती है। महिलाओं में सबसे ज्यादा पाए जाना वाला कैंसर ब्रेस्ट कैंसर है। देश में कैंसर के आंकड़ों पर नजर डालें तो लगभग 27 फीसदी महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं जबकि मुख के कैंसर से पीड़ित महिलाओं की संख्या 22.86 फीसदी है। अगर उम्र के लिहाज से देखें तो पाते हैं कि 35 से 45 वर्ष की महिलाओं में इस तरह के कैंसर ज्यादा पाए जाते हैं।
 
मेट्रो शहर में ब्रेस्ट कैंसर के मामले अधिक

डॉक्टर अंशुमन की मानें तो ब्रेस्ट कैंसर में चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। देश की शहरी खासकर बात अगर मेट्रो की करें तो यहां जागरुकता के बावजूद ब्रेस्ट कैंसर के मामले ज्यादा हैं जबकि ग्रामीण इलाकों में ये कम हैं। गांव की महिलाओं में बच्चेदानी के मुख का कैंसर ज्यादा है जबकि ब्रेस्ट कैंसर के मामले कम हैं। इसकी बड़ी वजह मेट्रो में महिलाओं का लाइफ स्टाइल है। देर से शादी करना, देर से बच्चे पैदा करना, सही तरीके से बच्चे को फीड नहीं करना ये सब कुछ ऐसी बातें हैं जो महानगरों की महिलाओं को ग्रामीण महिलाओं से अलग करती है।
 
28 में से एक महिला को कैंसर की संभावना रहती है

वैसे महिलाओं में दूसरा सबसे बड़ा कैंसर बच्चेदानी के मुख का कैंसर है। डॉक्टर अंशुमन बताते हैं कि 28 में से एक महिला को अपने जीवनकाल में कैंसर होने की संभावना रहती है। ये उम्र के लिहाज से देखें तो 30 साल से शुरू होकर 60 साल के बीच होता है। शहरी इलाके के 22 में से एक और ग्रामीण इलाके में 60 में से एक महिला इस बीमारी का शिकार होती है। भारत में हेड एंड नेक कैंसर 80 फीसदी तम्बाकू के इस्तेमाल की वजह से होता है। बात अगर पुरुषों की करें तो सबसे ज्यादा पुरुषों में होने वाला कैंसर मुख का कैंसर है। वैसे महिलाएं भी इसकी शिकार है लेकिन उनका स्थान पांचवें नम्बर पर आता है। यदि पुरुषों और महिलाओं दोनों की बात करें तो ये तीसरा सबसे बड़ा कैंसर है।
 
कैंसर के मरीजों को सही इलाज की है जरूरत

डॉक्टर अंशुमन की मानें तो ‘ये एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही मरीज जिंदगी की उम्मीद खो देता है। रही सही कसर परिवार वाले पूरा कर देते हैं। लोगों में कैंसर की जानकारी की कमी होने के कारण वह ‘कैंसर‘ नाम सुनते ही डर जाते है। आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जो कैंसर के मरीज के शरीर से दूरी बनाते हैं जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। कैंसर का पता चलने के बाद लोग सोचते है कि रोगी जल्द ही मर जाएगा लेकिन ये भी सच है कि अगर सही समय से बेहतर इलाज हो तो जिंदगी बदस्तूर जारी रहती है।'

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