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वजन कम करने के लिए क्या आप भी नहीं करते हैं ब्रेकफास्ट, तो आपको भी हो सकती है ये परेशानी

आप बचपन से ये सुनकर बड़े होते हैं कि ब्रेकफास्ट पूरे दिन का सबसे जरूरी मील होता है इसे भूल से भी स्कीप या छोड़ना नहीं चाहिए। कहने का मतलब यह है कि सुबह का नाश्ता बहुत ही जरूरी होता है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: December 01, 2018 8:21 IST
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weight loss

नई दिल्ली: आप बचपन से ये सुनकर बड़े होते हैं कि ब्रेकफास्ट पूरे दिन का सबसे जरूरी मील होता है इसे भूल से भी स्कीप या छोड़ना नहीं चाहिए। कहने का मतलब यह है कि सुबह का नाश्ता बहुत ही जरूरी होता है। आप किसी डाइटिशियन से बात करें या डॉक्टर से आपको पूरे दिन में तीन बार खाना खाने की सलाह हर कोई देता है। क्योंकि पूरे दिन में तीन बार खाना खाना हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी होता है। लेकिन आप वजन कम करने की सोच रहे हैं और इसके लिए आप एक टाइम का खाना नहीं खाते हैं इससे आपका वजन कम होता है या नहीं यह हम आपको आज बताएंगे।

सबसे पहली चीज अगर आप वजन कम करने की सोच रहे हैं तो आप भूल से भी ब्रेकफास्ट छोड़ने की कोशिश न करें। ऐसा बिल्कुल नहीं है कि आप खाना छोड़ देंगे या देंगी तो आप तुरंत पतले हो जाएंगे बल्कि आपको जानकर हैरानी होगी कि अगर आप खाना छोड़कर वजन कम करने की सोच रहे हैं तो हो सकता है आपको वजन पहले से भी ज्यादा बढ़ जाए।

वजन कम करने के लिए ब्रेकफास्ट न करना क्या सही है?

ज्यादातर भारतीय बहुत ज्यादा कैलरी वाला खाना ब्रेकफास्ट में करते हैं। अगर आप वजन कम करने की सोच रहे हैं तो आप खाने में प्रोटीन और फाइबर ज्यादा से ज्यादा खाए।

मेटबॉलिज्म फिट तो सेहत हिट
मेटाबॉलिज्म सही हो, तो शरीर फिट रहता है। यदि यह कम या ज्यादा होता है, तो बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। संतुलित मेटाबॉलिज्म के लिए रोजाना व्यायाम करें। इससे शरीर मजबूत तो होता ही है, साथ ही मोटापा भी नहीं बढ़ता।

मेटाबॉलिज्म और मोटापे में संबंध
मेटाबॉलिज्म अगर स्वस्थ है तो कोई भी व्यक्ति वजन को काबू में रख सकता है। दरअसल जब शरीर का बी़.एम.आर. यानी बेसल मेटाबॉलिक रेट काफी कम हो जाता है तो शरीर में चर्बी जमा होने लगती है। मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित रखने के लिए फाइबरयुक्त भोजन लेना चाहिए। वसायुक्त भोजन से दूर ही रहें तो अच्छा है।

मेटाबॉलिज्म का संतुलन जरूरी
अगर शरीर में मेटाबॉलिज्म प्रकिया रुक जाए तो शरीर की तमाम क्रियाएं भी ठहर सकती हैं। मेटाबॉलिज्म आमतौर पर दो प्रकार का होता है- 'हाई मेटाबॉलिज्म' और 'स्‍लो मेटाबॉलिज्म'। मेटाबॉलिज्म के दोनों प्रकार हमारी सेहत को प्रभावित करते हैं। इसलिए इसका संतुलित होना जरूरी है।

मेटाबॉलिज्म काफी हद तक हमारे खानपान और शारीरिक गतिविधियों पर निर्भर करता है। गलत खानपान या फिर लंबे समय तक कुछ भी न खाने से इसकी समस्या हो सकती है। खाने की सभी खराब आदतें जैसे असमय खाना, खाने से जी चुराना आदि आपके मेटाबॉलिज्म को गड़बड़ कर सकता है। 

अगर शरीर में मेटाबॉलिज्म की प्रकिया धीमी हो जाती है, तो शरीर सुस्त हो जाता है। ऐसे में व्यक्ति डिप्रेशन में भी आ सकता है। ठंड या गर्मी ज्यादा लगने लगती है और ब्लड प्रेशर भी कम हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार मेटाबॉलिज्म कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें हाइपोथेडिज्म, कुपोषण, असंतुलित भोजन, व्यायाम न करना और एंट्री डिप्रेशन दवाओं का इस्तेमाल प्रमुख हैं।

मेटाबॉलिज्म ज्यादा होने पर शरीर गर्म रहने लगता है और दिल की धड़कनें भी तेज होने लगती हैं। ऐसी परिस्थिति में भूख ज्यादा लगती है और बुखार के लक्षण भी उभर सकते हैं। हाई मेटाबॉलिज्म के कारणों की बात करें, तो इसमें ब्रेन हार्मोन एवं थायराइड हार्मोन का बढ़ना, दवाओं का असर, किडनी की ग्लेंड्स का बढ़ना जिम्मेदार हो सकता है।

ब्रेकफास्ट न खाकर दोपहर के वक्त ज्यादा खाना खाना क्या नुकसानदेह है?

वजन कम करने के लिए कई बार आप ब्रेकफास्ट तो नहीं करते हैं लेकिन दोपहर के वक्त ढेर सारा खाना खाते हैं। ऐसे में आपके शरीर पर इसका नुकसान भी हो सकता है। हो सकता है ऐसे में आपको वजन कम होने के बजाए पहले से ज्यादा बढ़ जाए।

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