हेल्थ डेस्क: शरीर में कॉफी के स्तर से पार्किंसन की बीमारी के निदान में सहायता मिलती है। एक अध्ययन में पाया गया कि न्यूरोडीजेनरेटिव बीमारी से पीड़ित लोगों के खून में कैफीन का निम्न स्तर रहता है।
जापान में जुंतेनदो विश्वविद्यालय के शिनजी सैकी ने बताया, ‘‘पूर्व के अध्ययन में कैफीन और पार्किंसन बीमारी विकसित होने के हल्का जोखिम के बीच जुड़ाव पाया गया था , लेकिन हमें बीमारी में लोगों के भीतर कैफीन चपापचय प्रक्रिया का पता नहीं था।’’
अध्ययन में औसतन छह साल तक पार्किंसन बीमारी से पीड़ित 108 लोगों और समान उम्र के 31 लोगों को शामिल किया गया, जिन्हें यह बीमारी नहीं थी।
दोनों समूहों को प्रतिदिन करीब दो कप कॉफी के जरिए कैफीन की समान मात्रा दी गयी। पार्किंसन बीमारी वाले लोगों में कैफीन का निम्न रक्त स्तर और खून में कैफीन के 11 में नौ सह उत्पादों का स्तर पाया गया।
सांख्यिकी विश्लेषण में अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि परीक्षण के जरिए 0.98 अंक से पार्किंसन बीमारी के साथ सटीक तरीके से लोगों की पहचान की जा सकती है जबकि एक अंक का मतलब सभी मामले की सही तरह से पहचान की गयी।