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World Health Day 2018: रोजाना करें सिर्फ ये 2 काम और पाएं हमेशा के लिए डिप्रेशन से छुटकारा

वर्ल्ड हेल्थ डे 2018 : कई बार ऐसा होता है कि आप डिप्रेशन में होते हुए भी इंसान को पता नहीं होता कि वह डिप्रेशन में हैं और जब उसे पता चलता है तब बहुत देर हो जाती है। डिप्रेशन जैसी बीमारी से निपटने के लिए आज हम आपको बताएंगे कुछ आसान टिप्स।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated : April 07, 2018 6:42 IST
डिप्रेशन
डिप्रेशन

हेल्थ डेस्क: कई बार होता है कि हम किसी कारण या किसी बड़ी समस्या के कारण डिप्रेशन में चले जाते है, लेकिन इस बारें में हमें कुछ भी पता नहीं होता है कि आखिर हम कैसे गए है। जिससे निजात पाने के लिए हम कई उपाय अपनाते है। लेकिन एक शोध के अनुसार भगवान की पूजा-पाठ और प्रार्थना करने से कई हद तक इस समस्या से निजात पा सकते है। जानिए वर्ल्ड हेल्थ डे में कैसे पाएं डिप्रेशन से निजात।

कई बार ऐसा होता है कि आप डिप्रेशन में होते हुए भी इंसान को पता नहीं होता कि वह डिप्रेशन में हैं। और जब उसे पता चलता है तब बहुत देर हो जाती है। डिप्रेशन जैसी बीमारी से निपटने के लिए आज हम आपको बताएंगे कुछ आसान टिप्स।

तनाव से निपटने के लिए आप क्या-क्या नहीं करते। व्यायाम से लेकर डॉक्टरी सलाह तक। लेकिन, इन सबके अलावा भी एक अन्य उपाय है। जो आसान होने के साथ-साथ बेहद कारगर भी है और वो है प्रार्थना। आपने कभी तनाव करने के लिए प्रार्थना का सहारा लिया है। जी, प्रार्थना से न सिर्फ तनाव का स्तर कम होता है, बल्कि यह कई बीमारियों से बचाने में भी मददगार साबित होती है। 

एक शोध के मुताबिक प्रार्थना मन के साथ-साथ शरीर को भी स्वस्थ रखती है। साथ ही इससे उम्र में भी इजाफा होता है। यही नहीं, प्रार्थना करने से ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में हुए इस शोध में पाया गया कि धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों में कई तरह की बीमारियां होने की आशंका भी कम होती है।

जब आप पूजा व प्रार्थना को अपने जीवन में एक आदत के तौर पर शामिल करते हैं, तो निश्चित ही आप अपने अंदर अच्छा बदलाव महसूस करेंगे। विशेषज्ञों की मानें, तो पूजा और संगीत व्यक्ति में बढ़ रहे दबाव का स्तर कम करते हैं। इसका मतलब है ये गतिविधियां जीवन में संतुलन बनाए रखती हैं। प्रार्थना का सकारात्मक प्रभाव देखने के लिए जरूरी है कि उसे दिल से किया जाए। नियमित योग करने वाले लोग जो हमेशा फिट रहते हैं, वह भी एक किस्म की पूजा प्रार्थना ही कर रहे होते हैं।

जब आप पूजा व प्रार्थना को अपने जीवन में एक आदत के तौर पर शामिल करते हैं, तो निश्चित ही आप अपने अंदर अच्छा बदलाव महसूस करेंगे। विशेषज्ञों की मानें, तो पूजा और संगीत व्यक्ति में बढ़ रहे दबाव का स्तर कम करते हैं। इसका मतलब है ये गतिविधियां जीवन में संतुलन बनाए रखती हैं।

प्रार्थना का सकारात्मक प्रभाव देखने के लिए जरूरी है कि उसे दिल से किया जाए। नियमित योग करने वाले लोग जो हमेशा फिट रहते हैं, वह भी एक किस्म की पूजा प्रार्थना ही कर रहे होते हैं। प्रार्थना करने से मन स्थिर और शांत रहता है। क्रोध पर नियंत्रण रखने में मदद मिलती है। इससे स्मरम शक्ति और चेहरे की चमक बढ़ती है। प्रार्थना से मन सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है, जिससे मन निरोगी बनता है।

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