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नवजात बच्चों को बचाना है संक्रमण से, तो कराएं ब्रेस्टफीडिंग

दुनियाभर में गर्भवती महिलाओं में आम तौर पर पाया जाने वाला ग्रुप बी स्ट्रेप जिवाणु नवजातों में गंभीर संक्रमण पैदा कर सकता है और जो नवजातों में सेप्सिस या निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियों होने का खतरा पैदा करता है।

Edited by: India TV Lifestyle Desk
Published on: August 22, 2017 13:47 IST
breast feediding- India TV Hindi
breast feediding

हेल्थ डेस्क:  आज के समय में हर चीज आपको संक्रमित मिलेगी। जिसके कारण हम कई बीमारियों के चपेट में आ जाते है। अगर हम बात करें नवजात बच्चों की। तो वह जल्द की संक्रमित रोगों की चपेट में आ जाते है। जिसके कारण कई नवजातों की तो मृत्यु भी हो जाती है। नवजात बच्चों को संक्रमित रोगों से बचाने के लिए कई तरह के टीके लगाएं जाते है। जिससे कि इन रोगों से बचाव हो सके। हाल में एक एक शोध सामने आया जिसमें ये बात सामने आई कि ब्रेस्टफीडिंग नवजात बच्चों को संक्रमित रोगों से बचा सकता है।

अनुसंधानकर्ताओं ने हाल ही में सामने आए अपने एक अध्ययन में कहा है कि मां के दूध में पाया जाने वाला एक खास किस्म का शक्कर नवजातों की कई हानिकारक जीवाणुओं से रक्षा करता है। दुनियाभर में गर्भवती महिलाओं में आम तौर पर पाया जाने वाला ग्रुप बी स्ट्रेप जिवाणु नवजातों में गंभीर संक्रमण पैदा कर सकता है और जो नवजातों में सेप्सिस या निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियों होने का खतरा पैदा करता है। संक्रमण के गंभीर होने के कारण कई बार शिशु की मौत भी हो जाती है, क्योंकि नवजातों में अब तक रक्षातंत्र पूरी तरीके से विकसित नहीं हो पाता है।

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इस अध्ययन में सामने आया है कि मां के दूध से मिलने वाला शक्कर एक एंटीबायोफिल्म की तरह काम करता है। इंसानी दूध में पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट के इस गुण का सामने लाने वाला यह पहला उदाहरण है।

अमेरिका के टेनिसी में स्थित वैंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर स्टीवन टाउनसेंड के अनुसार, "यह अध्ययन इंसान के दूध में पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट के जीवाणुरोधी के तौर पर काम करने का यह पहला उदाहरण है।"

टाउनसेंड ने कहा, "मां के दूध में पाए जाने वाले इस तत्व की यह सबसे अविश्वसनीय खासियत है कि इसमें विषाक्तता बिल्कुल नहीं होती, जैसा कि अन्य एंटिबायोटिक्स में होता है।"

करीब 10 साल पहले अनुसंधानकर्ताओं ने अध्ययन में पाया था कि गर्भवती महिलाओं में ग्रुप बी स्ट्रेप जीवाणु होते हैं और ये रोगाणु स्तनपान के जरिए नवजातों में चले जाते हैं।

लेकिन चूंकि अधिकांश नवजात इस ग्रुप बी स्ट्रेप जीवाणु की चपेट में आने से बच जाते हैं, इसलिए अनुसंधानकर्ता देखना चाहते थे कि मां के दूध में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो इन जीवाणुओं से लड़ने का काम करते हैं।

अध्ययन के नतीजे वाशींगटन में हुए 254वीं अमेरिकन केमिकल सोसायटी की राष्ट्रीय बैठक में प्रदर्शित किए गए।

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