हेल्थ डेस्क: बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा का कहना है कि उन्हें दमा रोग है और इसमें छिपाने जैसी कोई बात नहीं है। प्रियंका ने सोमवार को ट्विटर पर एक विज्ञापन की शूटिंग को ट्वीट किया जिसमें उन्हें इस पर बात करते हुए देखा जा सकता है कि कैसे दमा भी उन्हें करियर की ऊंचाइयों पर जाने से नहीं रोक सका।
उन्होंने ट्वीट किया, "मुझे अच्छी तरह जानने वाले लोग जानते हैं कि मुझे दमा है। मेरा मतलब है, इसमें छिपाने वाला क्या है? मुझे यह पता था कि इसके पहले कि दमा मुझे अपने काबू में कर ले, मुझे उसे काबू में करना होगा। जब तक मेरे पास मेरा इनहेलर है, दमा मुझे मेरे लक्ष्य को पाने और बेरोक जिंदगी जीने से नहीं रोकता।"
प्रियंका फिलहाल अभिनेता फरहान अख्तर और जायरा वसीम के साथ 'द स्काई इज पिंक' की शूटिंग कर रही हैं। (बेकिंग सोडा के साथ मिलाएं ये 1 चीज और पाएं पेट, जांघ की चर्बी सहित इस खतरनाक बीमारी से निजात)
सोनाली घोष द्वारा निदेर्शित फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है और इसे मुंबई, दिल्ली, लंदन और अंडमान में शूट किया जाएगा। फिल्म के संवाद जूही चक्रवर्ती लिख रही हैं और इसके संगीतकार प्रीतम चक्रवर्ती हैं। फिल्म का निर्माण रोनी स्क्रूवाला और सिद्धार्थ राय कपूर कर रहे हैं।
खबरों के अनुसार 'द स्काई इज पिंक' की कहानी आयशा चौधरी की जिंदगी पर आधारित है जो 13 वर्ष की आयु में फेफड़ों से संबंधित बीमारी से पीड़ित होने के बाद प्रेरक वक्ता बन गईं। (आपके किचन में छिपा है वजन कम करने का राज, इस तरह घटाएं 2kg तक )
जानें क्या है दमा?
दमा रोग श्वसन तंत्र से संबंधित एक बीमारी होती है। इसमें रोगी को सांसलेने में काफी दिक्कत होती है। इसमें मरीज के श्वसन नली में सूजन आ जाती है। जिसके कारण नली सिकु़ड़ जाती है। जिसके कारण रोगी को छोटे-छोटे टुकड़ों में सांस लेना पड़ता है। जब शरीर में उचित मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है तो सांस उखड़ने जैसी समस्या हो जाती है।
दमा के लक्षण
- सूखी खांसी या फिर बलगम वाली खांसी आना।
- सांस लेने में समस्या होना।
- सीने में जकड़न जैसा लगना।
- रात या पिर सुबह के समय ज्यादा समस्या होना।
- जोर-जोर से सांस लेना।
- अगर यही समस्या गंभीर हो जाती है तो कई बार उल्टी होने की भी समस्या हो जाती है।
ऐसे करें दमा से इलाज
इसका इलाज सभी संभव है। जब आपके इसके बारें में समय से जान लें। जिसके बाद तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
अस्थमा के लिए आमतौर पर इन्हेल्ड स्टेरॉयड (नाक के माध्यम से दी जाने वाली दवा) और अन्य एंटी इंफ्लामेटरी दवाएं अस्थमा के लिए जरूरी मानी जाती हैं। इसके अलावा ब्रोंकॉडायलेटर्स वायुमार्ग के चारों तरफ कसी हुई मांसपेशियों को आराम देकर अस्थमा से राहत दिलाते हैं।
अस्थमा नेब्यूलाइजर का भी प्रयोग उपचार में किया जाता है। अस्थमा का गंभीर अटैक होने पर डॉक्टर अक्सर ओरल कोर्टिकोस्टेरॉयड्स का एक छोटा कोर्स लिए लिख सकते हैं। इसको दो सप्ताह तक प्रयोग करने पर कोर्टिकोस्टेरॉयड के दुष्प्रभाव होने की संभावना कम है। मगर इसे एक महीने से ज्यादा प्रयोग करने से इसके दुष्प्रभाव अधिक गंभीर और स्थायी भी हो सकते हैं।