हेल्थ डेस्क: ब्लैडर की वॉल के टिश्यूज के इंफैक्टेड होने और वहां खून के थक्के जमने से इस कैंसर की शुरुआत होती है। ब्लैडर हमारे यूरिनरी सिस्टम का हिस्सा होता है जो किडनी से छनकर आए यूरिन को कलेक्ट करता है। यूरिन यहीं से शरीर के बाहर निकलता है। आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि 27 अप्रैल 2017 को विनोद खन्ना की मौत ब्लैडर कैंसर के कारण हुई थी।
ब्लैडर कैसर में की गई एक स्टडी के अनुसार यह कैंसर ज्यादातर 60 साल से ऊपर उम्र की पुरुषों को होता है। ऐसा नहीं है कि यह केवल पुरुषों को ही होता है ब्लिक यह महिलाओं में ज्यादा पाया गया है। जानिए इसका कारण, लक्षण और ट्रिटमेंट के बारें में।
क्या है ब्लैडर कैंसर
ब्लैडर में असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि को ब्लैडर कैंसर कहते है। ब्लैडर की बाहरी दीवार की मांसपेशियों की परत को सेरोसा कहते हैं जो कि फैटी टिश्यू, एडिपोज़ टिश्यूज़ या लिम्फ नोड्स के बहुत पास होता है। ब्लैडर वो गुब्बारेनुमा अंग है जहां पर यूरीन का संग्रह और निष्कासन होता है। ब्लैडर की आंतरिक दीवार नये बने यूरीन के सम्पर्क में आती है और इसे मूत्राशय की ऊपरी परत कहते हैं। यह ट्रांजि़शनल सेल्स द्वारा घिरी होती है जिसे यूरोथीलियम कहते हैं।
कारण
इसके कई कारण है।
- गर्भ के समय आने वाली समस्याएं
- मूत्राशय में पथरी का होना
- गर्भपात होना
- प्रॉस्टेट ग्रंथि का बढ़ना
- मूत्रमार्ग में संकुचन होना
लक्षण
- शौच या पेशाब के समय ब्लड आना।
- लगातार बुखार बना रहना।
- खांसते समय खून आना।
- ब्रेस्ट में गांठ पड़ जाना।
- पीरियड्स के समय अधिक खून आना।
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