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महिलाओं के लिए खतरनाक साबित हो सकता है इस उम्र में बच्चे पैदा करना

कई बार शादी के तुरंत बाद महिलाएं प्रेग्नेंट होने का डिसीजन लेती हैं। लेकिन वर्किंग वुमन अपनी बिजी शेड्यूल होने के कारण प्रेग्नेंट होने में इतना लेट कर देती हैं कि आगे जाकर उन्हें कई तरह की प्रॉब्लम फेस करना पड़ता है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: May 14, 2018 14:31 IST
प्रेग्नेंट- India TV Hindi
प्रेग्नेंट

नई दिल्ली: कई बार शादी के तुरंत बाद महिलाएं प्रेग्नेंट होने का डिसीजन लेती हैं। लेकिन वर्किंग वुमन अपनी बिजी शेड्यूल होने के कारण प्रेग्नेंट होने में इतना लेट कर देती हैं कि आगे जाकर उन्हें कई तरह की प्रॉब्लम फेस करना पड़ता है। आज हम अपने आर्टिकल के माध्यम से ये बताने की कोशिश करेंगे कि बच्चे पैदा करने के लिए सही उम्र क्या है?

कहते हैं कोई भी लड़की सही मायनों में तब पूर्ण होती है जब वो एक बच्चे को जन्म देती है। लेकिन आजकल जीवन की व्यस्ता को देखते हुए महिलाएं मां बनने का डिसीजन या तो बहुत जल्दी ले लेती हैं या फिर बहुत देर से। दोनों ही सूरतों में इसका असर होने वाले बच्चे पर पड़ता है। जिसकी वजह से गर्भस्थ शिशु में विकृति की आशंका बढ़ जाती है। आइए जानते हैं बच्चे को जन्म देने के लिए आखिरकार महिलाओं की सही उम्र कौन सी होती है।  

विशेषज्ञों की माने तो बच्चे को जन्म देने की सही उम्र 20 से 35 वर्ष के बीच होती है। इससे पूर्व या बाद में गर्भधारण करने पर गर्भस्थ शिशु में विकृति की आशंका बढ़ सकती है। दरअसल ये विकृतियां क्रोमोसोम जीन में हुई किसी गड़बड़ी के कारण हो सकती हैं। इसलिए अधिक या कम उम्र में गर्भ धारण करने से बचना चाहिए।

न्यूजीलैंड में हुए एक शोध में इस बात का खुलासा किया गया कि जो महिलाएं शादी के तुरंत बाद बच्चे पैदा कर लेती हैं, उन्हें गर्भधारण में तो समस्याएं आती ही हैं। इतना ही नहीं उनका होने वाला बच्चा भी अस्वस्थ ही पैदा होता है। ऐसी माताओं और उनके होने वाले बच्चे की जान को तीन गुना खतरा बढ़ जाता है। इस अवस्था को प्री-एक्लेंप्सिया कहते हैं। जिसकी वजह से न्यूजीलैंड में हर साल एक हजार नवजात बच्चों और दस माताओं की मृत्यु हो जाती है। 

ब्रिटिश अखबार 'द डेली टेलीग्राफ' के मुताबिक शोधकर्ताओं ने पहली बार गर्भधारण करने वाली 2,507 महिलाओं से इस विषय में बात करके उनसे पूछा कि वह बच्चे के पिता के साथ कितने समय से हैं। उसके बाद परिणामों से पता लगा कि जो महिलाएं शादी के 6 महीने बाद गर्भवती हुई थीं उनके बच्चे अपेक्षाकृत स्वस्थ थे और उनमें प्री-एक्लेंप्सिया की संभावना भी कम पाई गई। जिसके बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि शादी के बाद कुछ समय रुककर बच्चा पैदा करना मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है। इस शोध के परिणाम जर्नल आफ रिप्रोडक्टिव इम्यूनोलाजी में प्रकाशित किए गए हैं।

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