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किडनी में स्टोन होने से बचाना है, तो रोजाना करें इसका सेवन

शरीर में पानी की कमी गुर्दे की पथरी का मुख्य कारण है। यूरिक एसिड (मूत्र का एक घटक) पतला करने के लिए पर्याप्त पानी चाहिए होता है और ऐसा न होने पर मूत्र अधिक अम्लीय बन जाता है। यह अम्लीय गुर्दे की पथरी बनने का कारण होता है

Reported by: IANS
Published on: August 24, 2017 12:27 IST
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हेल्थ डेस्क: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि 13 प्रतिशत पुरुषों और सात प्रतिशत महिलाओं में गुर्दे की पथरी की समस्या पाई जाती है। आईएमए के अनुसार, पूरे दिन में तरल पदार्थो का सेवन बढ़ाने से गुर्दे की पथरी के बार-बार होने का जोखिम आधा रह जाता है और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता। अनुसंधान से पता चलता है कि गुर्दे की पथरी वाले लोगों में क्रोनिक किडनी रोग होने का काफी अधिक जोखिम रहता है।

आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, "शरीर में पानी की कमी गुर्दे की पथरी का मुख्य कारण है। यूरिक एसिड (मूत्र का एक घटक) पतला करने के लिए पर्याप्त पानी चाहिए होता है और ऐसा न होने पर मूत्र अधिक अम्लीय बन जाता है। यह अम्लीय गुर्दे की पथरी बनने का कारण होता है। गुर्दे की पथरी गोल्फ की एक गेंद के रूप में बड़ी हो सकती है। यह एक क्रिस्टल जैसी संरचना होती है।"

उन्होंने कहा, "कुछ मामलों में ये इतने छोटे हो सकते हैं कि मूत्र के साथ बाहर निकल जाते हैं और व्यक्ति का इस ओर ध्यान भी नहीं जाता। हालांकि, इस प्रक्रिया में अत्यधिक दर्द हो सकता है। अगर गुर्दे की पथरी शरीर के अंदर रहती है, तो वे अन्य जटिलताएं पैदा कर सकती है, जैसे मूत्र की रुकावट।"

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डॉ. अग्रवाल ने कहा, "गुर्दे की पथरी के लक्षण तब शुरू होते हैं जब वे मूत्रवाहिनी की ओर जाते हैं। इसके सामान्य लक्षणों में मूत्र नली के आसपास गंभीर दर्द, मूत्र में रक्त, उल्टी और मितली, मूत्राशय में सफेद रक्त कोशिकाओं या मवाद का होना, मूत्र की मात्रा में कमी, मूत्र करते समय जलन, बार-बार मूत्र की इच्छा होना और बुखार और ठंड लगना प्रमुख हैं।"

आईएनए अध्यक्ष ने बताया, "कुछ दवाएं गुर्दे की पथरी के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। विटामिन-डी और कैल्शियम की खुराक लंबे समय तक लेने पर कैल्शियम का स्तर बढ़ जाता है। गुर्दे की पथरी के लिए यह भी एक कारक हो सकता है। प्रोटीन और सोडियम अधिक और कैल्शियम का कम सेवन भी इसका एक कारक हो सकता है।"

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