हेल्थ डेस्क: कैंसर ऐसी ऐसी बीमारी है। कैंसर कई कारणों से हो सकता है। जैसे कि आनुवांशिकता, एल्कोहॉल का सेवन, तम्बाकू का सेवन, विकिरणों का प्रभाव, आनुवांशिकता, शराब का सेवन, इंफेक्शन या फिर मोटापा के कारण हो सकता है।
ये भी पढ़े-
- मधुमेह ग्रस्त एक तिहाई महिलाएं नहीं रखतीं खान-पान का ध्यान
- सावधान! फ्लू में पेनकिलर लेना हो सकता है खतरनाक
- सुबह-सुबह उबले नींबू का पानी पीने के है आश्चर्यजनक फायदे, जानिए
यह शरीर के किसी भी भाग में एक गांठ के रूप में दिन-ब-दिन बढ़ने वाली बीमारी है। जब तक इस रोग के होने का लक्षण पता चलता है तब तक तो यह बीमारी शरीर में बहुत ज्यादा फैल चुकी होती है। इस गंभीर बीमारी के कारण अधिकतर लोगों की मौत हो जाती है। इसका सिर्फ एक ही इलाज होता है वह है कीमोथेरेपी। जो कि काफी खतरनाक साबित हो सकती है। डॉक्टरों के अनुसार अगर आपने इसकी पहली स्टेज को पहचान लिया, तो आप कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बच सकते हैं।
भारत में हर चौथा व्यक्ति इस समस्या का सामना कर रहा हैं। अभी तक इसकी कोई ऐसी दवा नहीं मिल पाई है। जिससे कि इस समस्या से निजात मिल सके। हाल में ही एक ऐसा ही शोध किया गया है। जिसमें ये बात सामने आई है कि एस्पिरिन दवा दर्द, बुखार और सूजन में तो राहत देती ही है, इसकी दैनिक खुराक कैंसर रोकने में भी मददगार साबित हो सकती है।
पहले के शोध में पता चला था कि एस्पिरन कैंसर के कुछ प्रकारों को रोक सकती है, लेकिन वैज्ञानिक सालों तक इस बात को लेकर उलझन में रहे कि बुखार, सूजन कम करने की दवा कैसे इस जानलेवा बीमारी को रोक सकती है।
नए शोध में टेक्सास के 'वेटरन अफेयर्स' के वैज्ञानिकों के हवाले से बताया गया है कि प्लेटलेट्स के साथ दर्द निवारक दवा की पारस्परिक क्रिया से जो रक्त कोशिकाएं थक्के बनाती हैं, वे रक्तस्राव रोक देती हैं, जिससे ट्यूमर का बढ़ना रुक सकता है।
शोध की रिपोर्ट पत्रिका 'कैंसर प्रिवेंशन रिसर्च' के फरवरी के अंक में प्रकाशित हुई। इसमें कहा गया है कि एस्पिरिन सामान्य रूप से थक्के बनने की प्रक्रिया को कॉक्स-1 एंजाइम के जरिए रोक देता है, जिससे प्लेटलेट्स और कैंसर की कोशिकाओं के बीच परस्पर क्रिया बंद हो जाती है और ट्यूमर का बढ़ना रुक जाता है।