हेल्थ डेस्क: शोधकर्ताओं ने एक नए कृत्रिम विषाणु का विकास किया है, जो मानव में होने वाले चेचक के खिलाफ ज्यादा प्रभावी टीका बनाने में अग्रणी भूमिका निभा सकता है। अल्बर्टा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक संक्रामक हार्सपॉक्स विषाणु का विकास किया है, जिसे उन्होंने पूरी तरह से रासायनिक पद्धति से डीएनए के टुकड़ों व एक प्रकाशित जीनोम अनुक्रम के इस्तेमाल से कृत्रिम रूप से बनाया है।
हॉर्सपाक्स घोड़े को होने वाली बीमारी है, जो हॉर्सपाक्स विषाणु से होती है। यह मानव के लिए खतरनाक नहीं है। इसका करीबी संबंध वैक्सीनिया विषाणु से है, जिसका इस्तेमाल 40 साल पहले मानव चेचक को खत्म करने के लिए टीके के रूप में इस्तेमाल होता था।
शोध से पता चलता है कि कृत्रिम हॉर्सपाक्स विषाणु चूहे के पॉक्स विषाणु संक्रमण में टीके के तौर पर सुरक्षा दे सकता है।
ली का-शिंग इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड इवांस ने कहा, "कृत्रिम डीएनए प्रौद्योगिकी के इस प्रयोग से रिकम्बिनेंट विषाणुओं सहित जटिल जैविकों के निर्माण में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की संभावना है।"
इवांस ने कहा, "ये पद्धति नई पीढ़ी के टीके के उत्पादन की क्षमता को उन्नत करती है।"