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इस इंजेक्शन से खो सकती है आंखों की रोशनी, प्रयोग से बचें: रिसर्च

टीओ रेटिना सोसाइटी ऑफ इंडिया (वीआरएसआई) ने रैजुमैब इंजेक्शन लगाने से देखने की शक्ति प्रभावित होने सहित अन्य दुष्प्रभावों के मद्देनजर एडवाइजरी जारी की है और रोगियों की सुरक्षा पर ध्यान देने का आह्वान किया है। वीआरएसआई द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि रैजुमैब इंजेक्शन

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated : February 16, 2019 13:15 IST
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नई दिल्ली: व्रिटीओ रेटिना सोसाइटी ऑफ इंडिया (वीआरएसआई) ने रैजुमैब इंजेक्शन लगाने से देखने की शक्ति प्रभावित होने सहित अन्य दुष्प्रभावों के मद्देनजर एडवाइजरी जारी की है और रोगियों की सुरक्षा पर ध्यान देने का आह्वान किया है। वीआरएसआई द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि रैजुमैब इंजेक्शन लगाने से मरीजों की आंखों की मध्यम पुतली को नुकसान पहुंचने और उनके देखने की शक्ति प्रभावित होने की शिकायत सामने आई है। इसलिए इंटास से रैजुमैब इंजेक्शन (बैच नंबर-18020052) का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी गई है।

वीआरएसआई के मानद सचिव डॉ. राज नारायणन ने कहा, "दवा कंपनियों और नियामकों को रोगी की सुरक्षा के प्रति अधिक जिम्मेदार बनने की आवश्यकता है। इंटास के उत्पाद गुणवत्ता के लिए यह चिंतनीय बात है कि इसके उत्पाद को वापस लिए जाने के मामले बार-बार सामने आ रहे हैं। 2015 में एक मामले में, इसके जारी करने के दो महीने बाद ही रैजुमैब के वितरण पर रोक लगानी पड़ी।" 

उन्होंने कहा, " इसके अलावा जब दवा को पहली बार निगरानी के दायरे में लाया गया तो इंटास ने कहा कि वह इंफ्लामेशन की रिपोर्ट का विस्तृत विश्लेषण कर रहा है और डॉक्टरों को सलाह दी कि वे उम्र से संबंधित आंख की बीमारी का इलाज करने के लिए इस उत्पाद का उपयोग करने से बचें।"

पेशेंट सेफ्टी एंड एक्सेस इनीशिएटिव ऑफ इंडिया के संस्थापक बिजोन मिश्रा ने कहा, "स्वास्थ्य रक्षा की सभी नीतियों में विशेष रूप से यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि मरीजों की सुरक्षा और गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता न करना पड़े। यह काफी प्रोत्साहक है कि कई संस्थान विलंब से ही सही रेगुलेटरी अथॉरिटीज की जांच के घेरे में हैं।" 

उन्होंने कहा, "जब पहली बार यह दवा बाजार में आई थी तो यह दावा किया गया कि यह अपने जैसी दूसरी दवाइयों से काफी सस्ती है। पर क्या हम सस्ती दवाओं के नाम पर मरीजों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को जोखिम में डालने के लिए तैयार हैं? मरीजों के रूप में, हम ऐसे संगठनों के खिलाफ फौरन कार्रवाई करने और सख्त सजा देने की मांग करते हैं जोकि सुरक्षित दवाओं तक पहुंच के मरीजों के अधिकारों को स्पष्ट रूप से कमजोर बना रहे हैं।" 

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