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World Parkinson's Day: डॉ सुमित सिंह से जानिए क्या है ये रोग, लक्षण और बचने के उपाय

हेल्थ डेस्क: मुहम्मद अली, बिली कॉनॉली और रॉबिन विलियम्स के बीच क्या बात समान है? खैर, अपने संबंधित क्षेत्रों में मशहूर और बेहतरीन होने के अलावा इन लोगों को भी पार्किंसंस की बीमारी का सामना करना पड़ा था। आज वर्ल्ड पार्किंसंस डे है।

Kumar Kundan
Published on: April 11, 2017 13:11 IST

Parkinson

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इस रोग का उपचार क्या है?
व्यक्ति के चिकित्सा अतीत के आधार पर, कुछ रोगियों को डीबीएस सर्जरी के बाद दवा लेने की ज़रूरत हो सकती है, जबकि कई लोगों के पीडी लक्षणों और दवाओं में खासी कमी आ जाती है, जिससे वे अच्छा जीवन जीने में सक्षम होते हैं। शल्य चिकित्सा के बाद, रोगी को उसी दिन कमरे में स्थानांतरित कर दिया जाता है, और सर्जरी के बाद न्यूरोलॉजिस्ट द्वारा पेसमेकर की सेटिंग में बदलाव किया जाता है। अधिकांश रोगियों को सर्जरी के बाद 3-4 दिनों में छुट्टी दे दी जाती है।

डॉ सुमित इस रोग के बारे में लोगों क्या क्या गलतफहमियां हैं।

पार्किंसंस के बारे में अभी भी बहुत कुछ जानने की आवश्यकता है क्योंकि इस रोग के बारे में कई गलत धारणाएं प्रचलित हैं।

मिथक: ये आनुवंशिक है।
वास्तविकता : वास्तव में ऐसा नहीं है। केवल 10-15% मामलों में आनुवंशिक सम्बन्ध होता है।

मिथक: पीडी ठीक हो सकता है।
वास्तविकता: पीडी का उपचार किया जा सकता है, लेकिन यह अभी भी पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकता है। स्टेम सेल अनुसंधान से आशाएं बंधी हैं, पर नैदानिक परीक्षण अभी भी कम से कम एक दशक दूर हैं।

मिथक : पीडी से गतिशीलता सम्बन्धी लक्षण होते हैं, जैसे कि कंपन, कठोरता और धीमापन।

वास्तविकता : गतिशीलता से संबंधित लक्षणों के अलावा, कई नॉनमोटर लक्षण जैसे गंध की निम्न क्षमता, नींद सम्बन्धी विकार, मूत्राशय सम्बन्धी लक्षण, कब्ज, पसीना, थकान, घबराहट और अवसाद आदि जैसे लक्षण भी आम होते हैं।

मिथक : आप किसी व्यक्ति के चेहरे और उसकी गतिशीलता को देखकर आसानी से यह जान सकते हैं कि उसे पीडी है या नहीं।

वास्तविकता: हालांकि चेहरे की मास्किंग और चाल का धीमापन पीडी के आम लक्षण होते हैं, लेकिन फिर भी इस रोग से पीड़ित हर व्यक्ति के साथ ऐसा नहीं होता।

मिथक : कम्पन पीडी का एकमात्र लक्षण है।
वास्तविकता : कम्पन पार्किन्सन का सर्वाधिक जाना-माना लक्षण है, लेकिन इस बीमारी में कई अन्य संचालन और असंचालन लक्षण शामिल हो सकते हैं।

मिथक : आपको पीडी होने का पता चलने के बाद आप कुछ नहीं कर सकते।
वास्तविकता : हालांकि पार्किंसंस रोग का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों में सुधार के कई तरीके हैं। उदाहरण के लिए व्यायाम से संतुलन सम्बन्धी मसलों और संचालन समन्वय को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है। फिजियोथेरेपिस्ट, पोषण विशेषज्ञ और आपके न्यूरोसर्जन भी आपको पार्किंसंस के साथ बेहतर तरीके से जीने में मदद कर सकते हैं।

मिथक : पीडी के निदान के लिए महंगे परीक्षण की आवश्यकता है।
वास्तविकता : पीडी का निदान ज्यादातर क्लिनिकल तौर पर किया जाता है, इसके लिए आमतौर पर किसी भी जांच की ज़रूरत नहीं होती है।

पार्किंसंस डे का उद्देश्य क्या है?
विश्व पार्किंसंस दिवस का उद्देश्य विश्‍व की जागरूकता बढ़ाना और लोगों को इस रोग के बारे में विभिन्न गलतफहमियों और साथ ही उपलब्ध नवीनतम उपचार के माध्यम से इस बीमारी के लक्षण कैसे बेहतर ढंग से नियंत्रित किए जा सकते हैं, के बारे में बताना है। ज्यादातर समय पार्किंसंस से ग्रस्‍त लोग इस सोच के साथ जीते हैं कि इस तंत्रिका संबंधी विकार का उपचार नहीं है। लेकिन यह सच नहीं है! पार्किंसंस ठीक नहीं हो सकता है, लेकिन तकनीक और अनुसंधान में प्रगति से यह सिद्ध हो चुका है कि पार्किंसंस से ग्रस्‍त लोगों के पास भी गुणवत्ता पूर्ण जीवन जीने का अवसर है।

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