हेल्थ डेस्क: विश्व एड्स दिवस के मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने आज राष्ट्रीय रणनीतिक योजना 2017-24 की शुरूआत की जिसका उद्देश्य 2030 तक एचआईवी-एड्स को समाप्त करना है। उन्होंने कहा कि लोगों की पहचान करना और उन्हें एंटीरेट्रोवायरल थैरेपी (एआरटी) के तहत लाना एक बड़ी चुनौती है।
पटेल ने एचआईवी पॉजिटिव लोगों की पहचान करने और उन्हें एआरटी सेवाओं के दायरे में लाने के उद्देश्य से ‘संपर्क’ मिशन का भी उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि भारत को अपने अधिक से अधिक लोगों को एचआईवी संक्रमण से बचाना है और इसके संक्रमण का शिकार हो चुके लोगों की जीवनशैली में सुधार लाना है। इसके लिए एक माहौल बनाना होगा जहां उनका सम्मान के साथ उपचार किया जाए।
मंत्री ने कहा कि लेकिन आज भी ऐसे लोगों का पता लगा पाना एक बड़ी चुनौती है जिनका उपचार सही तरीके से नहीं हुआ और जिन्हें एआरटी सेवाएं मिलनी चाहिए।
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज विश्व एड्स दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में पटेल ने कहा, ‘‘स्थान तथा आबादी के हिसाब से एचआईवी अलग अलग रूप में व्याप्त है। हर राज्य के अलग समीकरण हैं।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘नाको की सोच है कि प्रभावी, समावेशी और समान सेवाओं के साथ एचआईवी रोकथाम के सार्वभौमिक कवरेज को हासिल करने के लिए एड्स मुक्त भारत बनाने का रास्ता तैयार करना है।’’
उन्होंने कहा कि अगले सात साल महत्वपूर्ण हैं। अब किये गये निवेशों का ‘एड्स को समाप्त’ करने की दिशा में महत्वपूर्ण परिणाम मिलेगा।’’
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