हेल्थ डेस्क: प्रेग्नेंसी के समय मां के साथ-साथ होने वाले बच्चे का पूरा ख्याल रखा जाता है कि उसे किसी भी तरह समस्या न हो, क्योंकि प्रेग्नेंसी के समय आपकी एक गलती आपके होने वाले बच्चे पर भारी पड़ सकती है। इसीलिए प्रेग्नेंसी के समय खानपान, रहन-सहन सभी का पूरा ध्यान रखा जाता है। (अपने आहार में शामिल करें ये चीजे, कभी नहीं होगी हीमोग्लोबिन की कमी)
प्रेंग्नेसी के समय डाक्टर्स भी हेल्दी खाना खाने की सलाह देते है। जिससे कि होने वाला बच्चा हेल्दी पैदा हो। इसी तरह दवाओं की बात करें, तो कोशिश की जाती है कि ऐसी दवाओं का सेवन न करें जो कि खतरनाक साबित हो। हाल में ही एक शोध हुआ जिसमें ये बात सामने आई कि प्रेग्नेंसी के आखिरी महीने में एंटीबायोटिक मेडिसिन दवा खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे बच्चे की आंत में सूजन आ सकती है। (इस शहर में तेजी से बढ़ रहा ब्रेस्ट कैंसर, रहे सतर्क)
एक रिसर्च के दौरान जब मादा चूहों को प्रेगनेंसी की अंतिम अवधि के दौरान एंटीबायोटिक दवा दी गई तो उनकी संतान के पेट में सूजन के जोखिम की अधिक संभावना देखी गई। यह रोग मानवों में आंत के सूजन से मिलता-जुलता है।
एंटीबायोटिक दवा मां की आंतों के माइक्रोबायोम में लंबे समय तक परिवर्तनों का कारण भी बन सकती है और ये दुष्प्रभाव मां से उसकी संतान में स्थानांतरित होते हैं। शोध के दौरान संतान में रोग का विकास देखा गया, लेकिन एंटीबायोटिक दवाओं से वयस्क चूहों में आंत्र रोग में कोई वृद्धि नहीं हुई।
यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के प्राध्यापक यूजीन बी. चैंग के अनुसार, "अगर एंटीबायोटिक्स का उपयोग गर्भावस्था या बच्चे की प्रारंभिक अवधि के दौरान किया जाता है, तो वह सामान्य आंत के माइक्रोबायोम के विकास को प्रभावित कर सकता है, लेकिन सामान्यता यह उचित इम्युनिटी विकास के लिए जरूरी होता है।"
शोधार्थियों ने कहा कि इससे पता चलता है कि एंटीबायोटिक के सेवन का समय महत्वपूर्ण होता है, खासकर जन्म के शुरुआती विकास काल के दौरान जब इम्युनिटी सिस्टम मैच्योरिटी से गुजर रहा हो. शोध का निष्कर्ष पत्रिका 'सेल' में प्रकाशित हुआ है।