हेल्थ डेस्क: अनिल कपूर (Anil Kapoor) अपनी दमदार एक्टिंग और फिटनेस के लिए जाने जाते है। हर कोई जानना चाहता है कि आखिर इतनी उम्र में वह खुद को कैसे फिट रखते है। हालांकि अनिल कपूर ने खुलासा किया कि उन्हें कैल्सिफिकेशन ऑफ शोल्डर' हैं। इस रोग में कंधे में दर्द है, जिसके इलाज के लिए वह जर्मनी जाएंगे।
अनिल ने खुद खुलासा करते हुआ कहा कि उन्हें ऐसी बीमारी हो गई है जिसकी वजह से उनका कंधा पत्थर जैसा होता जा रहा है। इस बीमारी के इलाज के लिए अप्रैल में जर्मनी जाने वाले हैं। इस बीमारी को कैलशिफिकेशन ऑफ शोल्डर कहते हैं। अनिल कपूर ने बताया कि पिछले 2 साल से उनके दाहिने कंधे में कैल्शियम जमा हो रहा है और जिसकी वजह से उनकी परेशानी बढ़ती जा रही है। यही वजह है क्या बीमारी और ना बढ़े, इसलिए अनिल कपूर जल्द से जल्द अपना इलाज कराना चाहते हैं।
अनिल की फिल्म 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा' 1 फरवरी और 'टोटल धमाल' 22 फरवरी को रिलीज़ होने वाली है। अनिल 'टोटल धमाल' के रिलीज़ के बाद ही अपने इलाज के लिए जाएंगे।
उनका इलाज स्पोर्ट्स डॉक्टर Hans-Wilhelm Muller-Wohlfahrt करेंगे। इन्होंने पहले भी अनिल का इलाज किया है। अनिल ने एक वेबसाइट को कहा- ''मेरे दाएं कंधे में थोड़ा केल्सीफिकेशन है। इसलिए मैंने अप्रैल में डॉक्टर Muller-Wohlfahrt का अपॉइन्टमेंट लिया है। उन्होंने कहा कि इतने सालों से जो वो स्टंट करते आए हैं, उसका उनके शरीर पर बुरा असर पड़ा है। ये स्टंट मुझ पर बुरा असर डालते हैं, लेकिन सबको आगे बढ़ते रहना होता है।''
अनिल ने कहा कि इस डॉक्टर ने पहले भी उनका इलाज किया है इसलिए इस बार भी उनका अपॉइन्टमेंट लेने में उन्होंने समय नहीं लगाई।
क्या है कैल्सिफिकेशन ऑफ शोल्डर
कैल्सिफिकेशन तब होता है जब शरीर के टिश्यू, धमनियों या किसी अंग में कैल्शियम जमने लगता है। पूरे शरीर में कैल्शियम रक्त के माध्यम से सर्कुलेट होता है। यह हर कोशिका में पाया जाता है इसलिए शरीर के किसी भी अंग में कैल्शियम जमने की स्थिति बन सकती है। ऐसे मामले में प्रभावित जगह सख्त होने लगती है और मूवमेंट में दिक्कत होती है।
कैल्सिफिकेशन ऑफ शोल्डर होने का कारण
नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, 99 फीसदी कैल्शियम दांतों और हड्डियों में पाया जाता है। 1 फीसदी ही रक्त, मांसपेशी, कोशिकाओं और टिश्यू में पाया जाता है। शरीर में कई डिसऑर्डर होते हैं जिसके कारण धीरे-धीरे एक खास हिस्से में कैल्शियम जमा होता रहता है जो आगे चलकर कैल्सिफिकेशन का कारण बनता है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के मुताबिक, ज्यादातर लोगों को भ्रम है कि डाइट में कैल्शियम अधिक लेने पर ऐसा होता है जबकि ऐसा नहीं है। हालांकि ऐसे मामलों में किडनी स्टोन की स्थिति बन सकती है। शरीर से कैल्शियम ऑक्जलेट बाहर न निकल पाने पर स्टोन हो सकता है।
कैल्सिफिकेशन ऑफ शोल्डर ऐसे चलता है पता
ब्लड टेस्ट और एक्स-रे की मदद से इसका पता लगाया जाता है।
कैल्सिफिकेशन ऑफ शोल्डर का ट्रिटमेंट
इलाज के लिए सूजन दूर करने वाली दवाएं और आइस थैरेपी की जाती है। कैल्शियम के कारण डैमेज अधिक होने पर सर्जरी की जाती है।
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