अकरकरा
अकरकरा का इस्तेमाल राजसी दावतों की दाल, कढ़ी, मसाला बाटियों, गट्टा और पुलाव में किया जाता है। यह खाने में कड़वा, तीखा, प्रकृति में गर्म तथा कफ और वातनाशक है। इसका सेवन करने से मुंह की बदबू, खून बढ़ाने, तुतलाहच, दांत संबंधी समस्या आदि में किया जाता है। अर्जुन की छाल और अकरकरा का चूर्ण दोनों को बराबर मिलाकर पीसकर दिन में सुबह और शाम आधा-आधा चम्मच की मात्रा में खाने से घबराहट, हृदय की धड़कन, दर्द आदि में फायदा मिलता है।