मटमैली भूरी कायफल
कायफल के पेड़ की छाल मटमैली भूरी होती है। यह गर्म तासीर वाला, कड़वा, कसैला और चरपरा होता है। इसका इस्तमेला सर्दी-जुकाम, बुखार, यूरीन संबंधी समस्या, बड़ी आंत में सूजन आदि में किया जाता है। अगर आपको जुकाम की समस्या है, तो आप कायफल और सोंठ को मिलाकर काढ़ा बनाएं और इसका सेवन करें।
जायफल
जायफल के गुणों के बारें में कौन नहीं जानता है। छोटे बच्चे को सर्दी से बचाने के लिए दूध के साथ इसे घिस कर दिया जाता है। इसके अलावा सर्दी-जुकाम होने पर जायफल को गर्म पानी में घिसकर चटाया जाता है। जिससे कि उसका शरीर गर्म रहे। जायफल का इस्तेमाल खाने में स्वाद और खूशबू बढ़ाने में किया जाता जाता है। इसकी तासीर थोड़ी गर्म होती है। सांस रोगों में पान में दो-तीन पंखुड़ी जावित्री डालकर लेने से फायदा होता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल भूख लगने, पाचन तंत्र के लिए भी किया जाता है।
अगली स्लाइड में पढ़े और मसालों के बारें में