हेल्थ डेस्क: आज की मशीनी ज़िंदगी में हमारे पास ख़ुद के बारे में दो मिनट रुककर सोचने की फ़ुर्सत नहीं है। जिसके कारण हमें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे ही एक समस्या है डिप्रेशन। इस रोग से ना जाने कितने युवाओं को अपनी अपनी चपेट में ले लिया। WHO की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 25 प्रतिशत किशोर इस बीमारी के शिकार है। इस बीमारी से बॉलीवुड भी अछूता नहीं रहा है। इस बीमारी से आलिया भट्ट, उदय चोपड़ा, दीपिका पादुकोण, शाहरुख खान, अनुष्का शर्मा, हनी सिंह जैसे न जान कितने स्टार्स ऐंग्जाइटी के शिकार है।
हाल में ही आलिया भट्ट ने फिल्मफेयर को दिए इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि कुछ महीने से डिप्रेशन की शिकार हैं। उन्होंने बताया कि ऐसा करीब 5 महीने से हो रहा है। वह बताती हैं कि इसे ऐंग्जाइटी अटैक तो नहीं कह सकते लेकिन काफी लो फील कर रही हैं। आलिया ने बताया कि उन्हें कभी-कभी बिना मतलब में रोने का मन करता है। फिर सब ठीक हो जाता है। वह बताती हैं कि शुरुआत में वह काफी कन्फ्यूज हो जाती थीं। इसके पीछे कई वजहें जोड़ती थीं फिर उन्होंने अपने दोस्तों से शेयर किया फिर सबने कहा कि यह ठीक हो जाएगा इसे स्वीकारना सीखो।
इसके अलावा उदय चोपड़ा ने ट्वीट करके बताया था कि वह भी डिप्रेशन के शिकार है। जिसके कारण उनका मन आत्महत्या करने का होता है, लेकिन बाद में उन्होंने इस ट्वीट को डिलीट कर इसे मजाक का रुप दे दिया।
आप भी जानें आखिर क्या है डिप्रेशन। इसके लक्षण, कारण और बचाव के बारें में।
क्या है डिप्रेशन?
विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) के अनुसार ये एक नार्मल बीमारी है। इस बीमारी से मिलियन लोग शिकार है। यह किस कारण किस वजह से हो जाएं। इस बारें में स्पष्ट रुप से कहना सहीं नहीं है। कई बार आपके आसपास घट रहीं घटनाओं के कारण हो जाता है तो कभी मेडिकल कारण से भी लोगों को अवसाद हो जाता है।
डिप्रेशन के लक्षण
- उदासी
- थकान
- किसी काम में मन न लगाना
- बेकार में गुस्सा आना
- चिड़चिड़ापन होना
- किसी भी पार्टी या फिर मजेरा चीजों से दूर रहना।
- अधिक टेंशन
- दूसरों से अलग रहना
- सोचने और किसी की प्रकार के निर्णय लेने में समस्या
- एनर्जी की कमी
- मन में बार-बार आत्मघाती विचार आना।
- शराब और दवा का गलत इस्तेमाल करना।
- सिर में दर्द रहना।
अवसाद किसे हो सकता है?
इसका एक छोटा जवाब है- ये किसी को भी हो सकता है। वैसे शोध से पता चलता है कि इसके पीछे कोई आनुवांशिक वजह भी हो सकती है. इसके तहत कुछ लोग जब चुनौतीपूर्ण समय से गुज़र रहे होते हैं तो उनके अवसाद में जाने की आशंका अधिक रहती है। जिन लोगों के परिवार में अवसाद का इतिहास रहा हो वहां लोगों के डिप्रेस्ड होने की आशंका भी ज़्यादा होती है। इसके अलावा गुणसूत्र 3 में होने वाले कुछ आनुवांशिकीय बदलावों से भी अवसाद हो सकता है। इससे लगभग चार प्रतिशत लोग प्रभावित होते हैं।
ऐेसे करें डिप्रेशन से बचाव
इस बीमारी से बचने के लिए आपको खुद को थोड़ा बदलने की जरुरत है। आप दवाओं पर निर्भर न रहें बल्कि अपनी लाइफस्टाइल में थोड़ा सा बदलाव करें।
बदलें अपनी डाइट
ऐसे समय में ऐसी फूडसे का सेवन करें जिसमें अधिक मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड, ट्रिप्टोफैन और फोलिक एसिड अधिक हो। ऐसे गुण शतावारी, अंडे, हल्दी, कद्दू बीज का सेवन करें। इसके अलावा अधिक मात्रा में विटामिन्स, मैग्नीयिशम वाले फूडेस के साथ पानी भी अधिक पीएं।
एक्सरसाइज करें
रोजाना कुछ देक व्यायाम, योग आदि जरुर करें। इसके अलावा कोई अच्छी किताब, शास्त्र आदि पढ़ सकते है। जिससे आपके अंदर पॉजिटिव एनर्जी आएगी
शरीर में दिखें ये लक्षण, तो समझ लें कि है विटामिन सी की कमी के संकेत
आपके आसपास मौजूद ये चीजें सेहत के लिए है खतरनाक, हो सकता है कैंसर