हेल्थ डेस्क: मध्य प्रदेश में जापानी एनसेफेसलिटिस से 2 बच्चों की मौत होने से पूरे प्रदेश के अस्पतालों में हाई अलर्ट कर दिया गया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब भोपाल में इस जापानी बुखार के कारण 2 बच्चों की मौत हो गई है।
इन मौतौं के कारण सभी अस्पतालों के डॉक्टर्स को सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित बच्चों की जांच जेई गाइडलाइन के करने के निर्देश दिए गए है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि हमीदिया अस्पताल के शिशु रोग विभाग में बुखार की शिकायत होने पर विदिशा की 14 साल की रजनी और होशंगाबाद के 3 साल के रोहित को एडमिट किया गया। जिनका पिछले 15 दिनों से इलाज चल रहा था। इनके ब्लड सैंपल में ये बात सामने आई कि इन्हें जापानी एनसेफेलिटिस है। जानिए जापानी बुखार के लक्षण, कारण और कैसे करें बचाव के बारें में।
लक्षण
- सिरदर्द के साथ हल्का बुखार आ जाना।
- गर्दन में अकड़न, शरीर में ऐंठन।
- सांस लेने में तकलीफ होना।
- हमेशा आलस्य चढ़ा रहना।
- बात करने में असमर्थ होना।
- शरीर में कंपन होते रहना।
- मांसपेशियों में कमजोरी।
कारण
जापानी एनसेफेलिटिस एक फ्लेविवाइरस के कारण होता है। जो कि जानवरों और मनुष्यों दोनों को प्रभावित करता है। आपको बता दें कि इस वायरस के फैलने का कारण सुअर और पक्षी है। इसके अलावा मच्छर के काटने से भी ये फैलता है।
ऐसे करें जापानी बुखार से बचाव
- मच्छर के काटने से बचें।
- कीट निवारक दवा का इस्तेमाल करें।
- मच्छर काटने से बचने के लिए ढके हुए कपड़े पहने।
- शाम के समय सबसे ज्यादा मच्छरों का प्रकोप होता है। इस समय बाहर जाने से बचें।
- घरों के आस पास पानी न जमा होने पाए खासकर बारिश के मौसम में बच्चों को बेहतर खान-पान रखें।