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कान में दिखे ये लक्षण तो संभल जाइये हो सकता है कानों में कैंसर

बढ़ती उम्र या खराब लाइफस्टाइल के कारण कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स होने लगती हैं। अगर इस दौरान कानों में कैंसर सेल्स बनने लगें तो ये कंडीशन धीरे-धीरे सीरियस होने लगती है। इससे कानों में कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसा होने पर कानों मे

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: March 17, 2018 13:05 IST
ear cancer- India TV Hindi
ear cancer

हेल्थ डेस्क: बढ़ती उम्र या खराब लाइफस्टाइल के कारण कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स होने लगती हैं। अगर इस दौरान कानों में कैंसर सेल्स बनने लगें तो ये कंडीशन धीरे-धीरे सीरियस होने लगती है। इससे कानों में कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसा होने पर कानों में कई तरह के बदलाव भी नजर आने लगते हैं।

BLK सुपर स्पेशिलटी हॉस्पिटल, नई दिल्ली के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. कपिल कुमार का कहना है कि कान में होने वाला कैंसर दो तरह का होता है। पहला क्लोस्टीटोमा और दूसरा स्कावमस सेल सार्किनोमा। ये दोनों प्रकार के कैंसर कान के अंदर होते हैं। इसके बाद ये धीरे-धीरे पूरी बॉडी में फैलने लगता है। अगर सही समय पर इसके संकेतों को पहचानकर ट्रीटमेंट ले लिया जाए तो इसके खतरे को टाला जा सकता है। 

कान में कैंसर के मामले बहुत कम ही सुनने में आते हैं। कान का कैंसर नाक या सिर के कैंसर की तरह होते हैं जो त्वचा से होते हुए कानों तक पहुंच जाते हैं। इतना ही नहीं यह बाह्य कान के अलावा ईअर के अंदरूनी कैनाल को भी प्रभावित करता है। जब कैंसर कान के हिस्सों तक पहुंचने लगता है तो कान में अत्यधिक दर्द होना शुरु हो जाता है। कान में ट्यूमर के विकास से सुनने की क्षमता पर काफी असर पड़ता है। इससे धीरे-धीरे रोगी को कम सुनाई देने लगता है। कान में कैंसर की समस्या अकसर वृद्धावस्था में शुरु होती है। साठ साल या इससे ज्यादा उम्र के वृद्धों में कान का कैंसर ज्यादा होता है।

कान में कैंसर के प्रकार

पहला क्लोस्टीटोमा दूरसा स्कावमस सेल सार्किनोमा। विशेषज्ञों का कहना है कि ये दोनों प्रकार के कैंसर कान के अंदर विकसित होते हैं और बाद में ये धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैलने लगते हैं। कान में होने वाले कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन का सहारा लिया जाता है। इन उपचारों को अपनाने से पहले यह पता करना जरूरी है कि रोगी किस प्रकार के कान के कैंसर से ग्रसित है और इसका पता उसमें दिखने वाले लक्षणों से किया जाता है। 

कान से द्रव्य का निकलना
कई बार मरीज को कान से पानी जैसा पदार्थ व ब्लड निकलने की शिकायत होती है। इसकी वजह से कान में संक्रमण व खुजली की समस्या शुरु हो जाती है। इन समस्याओं को गंभीरता से लें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

ईअरड्रम का क्षतिग्रस्त होना
इस मामले में कान से पीला व सफेद पदार्थ निकलता है। यह संकेत है कि मरीज का ईअरड्रम को नुकसान पहुंच रहा है। इसका मुख्य कारण है तेज ध्वनि, कान में बाह्य वस्तु का प्रयोग, इअर ट्रॉमा आदि। 

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