हेल्थ डेस्क: अब वो दिन दूर नहीं होगा जब महिलाओं की तरह पुरुष भी गर्म निरोधक गोली का सेवन कर पाएंगे। जी हां इसको लेकर एक शोध किया गया। जो कि सफल रहा। यह गोलियां सुरक्षा जांच में खरी पाई गई। यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन ने 40 पुरुषों पर एक महीने तक स्टडी की।
ऐसे हुई रिसर्च
डॉक्टरों ने पाया कि जो पुरुष रोजाना एक कैप्सूल खा रहे थे, उनमें हॉर्मोन्स का स्तर गिर गया। इससे निष्कर्ष निकाला गया कि स्पर्म काउंट का स्तर काफी गिर गया है। चूंकि इस स्टडी का मुख्य मकसद सुरक्षा का आकलन करना था, इसलिए शोधकर्ताओं का कहना कि अगला ट्रायल थोड़ा लंबा होगा, जिससे यह पता चल सकेगा कि स्पर्म काउंट में कितनी गिरावट आई है और क्या यह गिरावट पर्याप्त है? शोधकर्ताओं की टीम ने आगे कहा कि स्पर्म के प्रॉडक्शन को प्रभावित करने में इस दवाई को कम से कम 60 से 90 दिन लगेंगे।
इस ट्रायल के सीनियर जांचकर्ता और यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन में मेडिसिन के प्रफेसर स्टेफनी पेज ने कहा, 'हमारा मकसद है कि जिस तरह महिलाओं के लिए कई सारे गर्भनिरोधक विकल्प हैं, उसी तरह पुरुषों के लिए भी गर्भनिरोधक के विकल्प मौजूद हों। फिलहाल काफी कम विकल्प मौजूद हैं और इस वजह से हम जनसंख्या के एक बड़े हिस्से को नजरअंदाज कर रहे हैं।'
इस स्टडी में शामिल हुए 40 पुरुषों में से 10 को प्लेसबो कैप्सूल दिया गया था। इसमें ऐक्टिव ड्रग नहीं होता। वहीं 30 पुरुषों को 200mg का डोज दिया गया, जबकि बाकी 16 पुरुषों को 400mg का डोज दिया गया। सभी पार्टिसिपेंट्स ने रोजाना 28 दिनों तक यह डोज लिया। स्टडी में इस दवाई के बेहद कम साइड इफेक्ट्स सामने आए, जैसे कि थकान, मुंहासे और सिरदर्द।
एलए बायॉमेड और इस स्टडी के एक अन्य सीनियर जांचकर्ता क्रिस्टीना वैंग ने कहा, 'यह स्टडी काफी छोटी है और स्पर्म प्रॉडक्शन को रोकने के लिए हमें अभी और तीन महीने का वक्त चाहिए। अभी तक हमने यह दिखाया है कि यह दवाई उन हॉर्मोंन्स को बंद कर देती है जो वीर्यकोष के फंक्शन को कंट्रोल करते हैं।' शोधकर्ताओं ने आगे कहा कि अभी पुरुष गर्भनिरोधक गोली को मार्केट में आने में एक दशक लग सकता है। हालांकि अभी भी इसकी काफी डिमांड है।
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