हेल्थ डेस्क: भारत ही नहीं पूरे विश्व में के लोग बोतल बंद पानी पीने को ज्यादा तवज्जों देते हैं। हम सोचते है कि वह सबसे शुद्ध पानी है। अगर आपकी भी ऐसी सोच है, तो संभल जाएं। क्योंकि एक शोध के अनुसार बोतल का पानी सबसे ज्यादा दूषित होता है।
भारत सहित दुनिया के विभिन्न देशों में बोतल बंद पेयजल बनाने वाली कंपनियों के लगभग 150 अरब डॉलर के वार्षिक व्यापार के बावजूद इनमें प्लास्टिक के सूक्ष्म कण और मनुष्य के लिए अन्य हानिकारण तत्व मौजूद रहते हैं। अमेरिका की एक गैर लाभकारी संस्था ओर्ब मीडिया की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इसमें पॉलीप्रोपिलीन, नायलॉन और पॉलीथिलीन टेरेफ्थेलेट जैसे तत्व मौजूद रहते हैं।
एक व्यक्ति सालभर में ग्रहण करता है इतने सूक्ष्म कण
शोध में बताया गया कि जो व्यक्ति एक दिन में एक लीटर बोतल बंद पानी पीता है वह प्रतिवर्ष प्लास्टिक के दस हजार तक सूक्ष्म कण ग्रहण करता है। शोध के दौरान 93 फीसदी नमूनों में प्लास्टिक पाई गई।
बाजार में 147 अरब डॉलर प्रति वर्ष के व्यापार के साथ यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला पेय उत्पाद उद्योग है। शोधकर्ता अभी तक हालांकि मानव शरीर पर पड़ने वाले इसके दुष्प्रभावों के बारे में सुनिश्चित नहीं हैं।
इन देशों के लिए गए थे नमूने
पांच महाद्वीपों में भारत, ब्राजील, चीन, इंडोनेशिया, केन्या, लेबनान, मेक्सिको, थाईलैंड और अमेरिका से 19 स्थानों से नमूने एकत्र किए गए।
ऐसे किया गया पता
बोतल बंद पानी में प्लास्टिक के अदृश्य कणों को देखने के लिए शोध दल ने विशेष डाई और नीली रोशनी का उपयोग किया। शोध में 100 माइक्रोंस और 6.5 माइक्रोंस के आकार के दूषित कणों की पहचान हुई।