Chandipura Virus: गुजरात में इन दिनों 'चांदीपुरा वायरस' तेजी से फैला हुआ है। इस वायरस के कारण हाल में ही एक 5 साल के एक बच्ची सहित एक और बच्चे की मौत हो गई है। जिसके बाद गुजरात में स्वास्थ्य अधिकारियों ने अलर्ट जारी कर दिया है। चांदीपुरा वायरस एक ऐसा खतरनाक वायरस है, जो कि केवल छोटे बच्चों को ही अपना शिकार बनाता है। जानें इस वायरस के बारे में सबकुछ।
क्या है चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus)
यह एक ऐसा खतरनाक वायरस है जो कि सीधे बच्चों के दिमाग में अटैक करता है। जिससे उनके दिमाग में सूजन आ जाती है। शुरुआत में फ्लू के लक्षण नजर आते है लेकिन आगे चलकर बच्चा कोमा में चला जाता है। इस वायरस का नाम एक गांव के नाम में रखा गया है। जो कि महाराष्ट्र का एक छोटा सा गांव है। पहली बार साल 1965 में इस वायरस से बीमार बच्चों के मामले पाए गए थे। आमतौर पर ये वायरस 14 साल से छोटे बच्चों को अपना शिकार बनाता है।
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चांदीपुरा वायरस फैलने का कारण
यह वायरस खासतौर से मच्छरों और बड़ मक्खी के कारण फैलता है। सैंड फ्लाई मक्खियों की एक ऐसी प्रजाति है जो कि रेत और कीचड़ में पाई जाती है और बारिश में काफी बढ़ जाती है। लेकिन मैदानी क्षेत्रों में इसके कारण चांदीपुरा नामक वायरस फैल जाता है।
चांदीपुरा वायरस के लक्षण (Chandipura Virus Symptoms )
अभी तक इसके ये लक्षण सामने आए है।
- अचानक तेज बुखार और सिर दर्द होना।
- मितली या उल्टियां होना।
- कमजोरी के कारण बेहोशी छा जाना।
चांदीपुरा वायरस की जांच (Chandipura Virus Test)
अभी इस वायरस के बारे में डॉक्टर्स को ज्यादा पता नहीं है। लेकिन लक्षणों के आधार में ब्लड टेस्ट किया जाता हैय़। गुजरात में बच्ची का ब्लड सैंपल पुणे के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) भेजा गया था।
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चांदीपुरा वायरस से ऐसे करें बचाव
इसका अभी तक कोई स्पेशल इलाज सामने नहीं आया है। लेकिन इसके लक्षण इंसेफ्लाइटिस (दिमागी बुखार) से मिलते जुलते है। अगर किसी के ऊपर ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत उसे डॉक्टर से सपंर्क करें। यह वायरस मक्खियों औऱ मच्छरों से फैलता है। इसलिए घर और बाहर साफ-सफाई रखें। जिससे कि घर में मच्छर या मक्खी न हो।