आज वर्ल्ड अल्जाइमर दिवस है। अक्सर यह बीमारी 70 साल के उम्र में होती है लेकिन आज कल की खराब जीवन शौली की वजह से 40 साल के उम्र में भी लोग इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं। अल्जाइमर मुख्य रूप से एक दिमागी बीमारी है। यह धीरे-धीरे आपकी याद्दाश्त और दिमाग को नुकसान पहुंचाता है। अगर कोई भी व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित है तो उसके सोचने की क्षमता खत्म हो जाती है। इस बीमारी को लेकर अक्सर एक बात कही जाती है कि यह कभी भी किसी दवा से ठीक नहीं हो सकती है और न ही इसके लेकर कोई खास दवा का आविष्कार हुआ है।
अल्जाइमर को लेकर पहले एक बात कही जाती थी कि यह बीमारी सिर्फ विकसित देशों में होती है। लेकिन अब भारत जैसे विकासशील देश भी इसका शिकार हो रहे हैं। भारत में अल्जाइमर के मरीज ज्यादा उम्र वाले नहीं बल्कि कम उम्र वाले लोग हैं। यह बीमारी दिमाग में प्रोटीन के बैलेंस को खत्म करता है साथ ही यह दिमाग में कई तरह की गड़बड़ी मचाता है। साथ ही दिमाग में केमिकल और पैथोलॉजिकल में बदलाव होते हैं। और इसकी वजह से दिमाग और शरीर में कनेक्शन खराब होता है। अगर ऐसे कुछ लक्षण आपको भी अपने शरीर में दिख रहे हैं तो वक्त रहते ही इसका इलाज करवा लें क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ यह बीमारी ब्रेन को ज्यादा से ज्यादा डैमेज करता है।
अल्जाइमर के लक्षण
नींद कम आना
टेंशन, परेशानी
याद्दाश्त खत्म होना
निर्णय से जुड़ी समस्याएं
बार -बार एक ही सवाल पूछना
थकावाट होना
किसी भी काम को मन से नहीं करना, फोकस करने में दिक्कत होना
पैसे की कमी
अपने परिवारवालों को न पहचाना
कपड़े उल्टे-सीधे पहनना
अल्जाइमर को इस तरीके से रख सकते हैं दूर
अगर आपके घर में कोई व्यक्ति अल्जाइमर से पीड़ित था तो आने वाले जेनरेशन में यह बीमारी हो सकती है। या अगर आपको पता आपके घर में किसी को यह बीमारी है तो आपको पहले से इससे जुड़ी लर्निंग ऐक्टिविटी पर फोकस होकर पढ़ना चाहिए। इससे जुड़ी अच्छी-अच्छी बुक पढ़नी चाहिए। साथ ही गाने सुनने चाहिए, डांस करना चाहिए, पेंटिंग करनी चाहिए साथ ही साथ अपने खास दोस्तों के साथ पार्टी, पब में जाना चाहिए। आपको ज्यादा से ज्यादा वक्त पढ़ाई में लगानी चाहिए। अगर इसे डेली रूटीन में शामिल करेंगे तो आपकी लर्निंग पावर पहले से ज्यादा अच्छी होगी।