सर्दियां आते ही जगह जगह अलाव तापते लोग नजर आ जाएंगे। गांव देहात और कस्बों में लोग अंगीठी, चूल्हा या फिर कोयला जलाकर रखते हैं, जिससे ठंड दूर की जा सके। अगर आप भी घर में अंगीठी या अलाव के सहारे अपनी ठंड दूर करते हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि इन चीजों से निकलने वाला धुआं आपकी जान ले सकता है। जी हां हर साल अंगीठी या अलाव के धुएं से दम घुटने के मामले सामने आते हैं। चंद घंटों में ही ये अंगीठी, कोयला या चूल्हे से निकलने वाला खतरनाक धुआं आपकी जान ले सकता है। जानिए आपको क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
दरअसल जब आप कोयला, अंगीठी या चूल्हा जलाते हैं तो धुएं से कार्बन मोनोक्साइड पैदा होता है। ये कार्बन मोनोक्साइड आपके लिए जहर के समान है। सांसों के जरिए जब ये धुंआ हमारे शरीर में पहुंचता है तो कुछ घंटों में ही आपकी जान ले सकता है। इसीलिए इसे जहर के समान माना गया है।
बंद कमरे में न जलाएं चूल्हा, अंगीठी
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो कार्बन मोनोक्साइड 4 से 6 घंटे में ही आपकी जान ले सकती है। अगर आप बंद कमरे में अंगीठी या चूल्हा जलाते हैं तो इससे कुछ घंटों में ही आपकी मृत्यु हो सकती है। अगर कमरे में ज्यादा लोग हैं तो मौत और भी जल्दी हो सकती है। इसका कारण है कि कमरे में ज्यादा लोग होने से आक्सीजन का उपभोग भी ज्यादा होता है और ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत हो जाती है।
अलाव और अंगीठी जलाते वक्त बरतें सावधानी
सबसे पहली बात कि अलाव या अंगीठी कभी भी बंद कमरे के अंदर न जलाएं। इससे धुआं कमरे के अंदर जमा हो जाता है। इस धुएं में सांस लेने से गंभीर परिणाम झेले पड़ सकते हैं। अगर अलाव या अंगीठी जला रहे हैं जो कमरे का दरवाजा और खिड़की पूरी तरह खोल दें, जिससे धुंआ निकल जाए। जब आग का धुंआ पूरी तरह निकल जाए तभी उसे कमरे के अंदर रखें। कभी भी इन चीजों को कमरे में जलाकर न सोएं। ध्यान रखें कमरे के अंदर कोई ज्वलनशील पदार्थ नहीं होना चाहिए।
धुएं से क्या परेशानी हो सकती है?
अगर आप घर के अंदर चूल्हे, अंगीठी या अलाव जलाकर रखते हैं तो इससे सांस और अस्थमा के रोगियों की मुश्कल बढ़ सकती है। इससे धुंआ शरीर के अंदर पहुंचता है और सांसों को नुकसान पहुंचाता है। भविष्य में ये खतरनाक धुआं COPD या दमा जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए सर्दी से बचने के लिए धुआं वाली चीजों को जलाने से बचना चाहिए।