World Kindness Day (13 November): जीवन में एक कामयाब इंसान बनने के लिए सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना पहली शर्त है। इसके बिना सफलता पाना बहुत मुश्किल है। मौजूदा जनरेशन के अधिकांश लोगों में धैर्य और सकारात्मक जैसे नैतिक मूल्यों की कमी आती जा रही है। नतीजन उनके जीवन पर स्ट्रेस, डिप्रेशन और नेगेटिव इमोशन्स जैसे शब्द हावी होने लगे हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि यदि इंसान अपने दैनिक जीवन में पांच आदतों को शामिल कर लें तो यकीन मानिए जीवन में पॉजिटिव रहना बहुत आसान हो सकता है। आइए वर्ल्ड काइंडनेस डे के अवसर पर आज आपको ऐसी ही कुछ अच्छी आदतों के बारे में बताते हैं।
अच्छे विचारों के साथ दिन की शुरुआत
आपके दिन की शुरुआत तय करती है कि आपका बचा हुआ दिन कैसा बीतेगा। इसलिए आपको हमेशा अच्छे और सकारात्मक विचारों के साथ दिन की शुरुआत करनी चाहिए। रोजाना सूर्योदय होने से पहले उठें, प्रार्थना करें। वॉक पर जाएं और थोड़ा व्यायाम करें। इसके बाद हेल्दी ब्रेकफास्ट करें और अच्छी बातें दिमाग में लाएं।
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शिकायत करना बंद करें
छोटी-मोटी बातों को लेकर शिकायक करना सबसे बुरी आदत है। हर बात पर दूसरों की शिकायत न करें। इसकी बजाए जिंदगी ने आपको जो दिया है, उसमें खुशियां ढूंढें। रोज सुबह कुछ अच्छा काम करें। ये एक ऐसा पारवफुल मेथड है जिसमें किसी एफर्ट की जरूरत नहीं होती है। ये बातें यकीनन आपको एक पॉजिटिव इंसान बनने में मदद करेंगी।
कठिनाई का बुद्धिमानी से मुकाबला
जीवन में कई बार ऐसे पड़ाव आते हैं जहां हमें बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अपने दिमाग का सही इस्तेमाल करें। इससे भले ही आपको उस समस्या का समाधान न मिले, लेकिन ये आपको एक ऐसा पॉजिटिव एटिट्यूड देगा जिससे आप कम से कम तनाव से दूर रह पाएंगे।
दूसरों का मजाक न बनाएं
बेवजह की गॉसिप्स या मजाक आपकी छवि और सकारात्मक दृष्टिकोण दोनों के लिए घातक साबित हो सकता है। हमेशा ऐसे लोगों से दूर रहें जो दूसरों का मजाक बनाने के लिए आपको भी आमंत्रित करते हैं। अगर आपको लगता है कि आपकी बातों से किसी का मन दुखी हो सकता है तो तुरंत अपने व्यवहार और बोली में परिवर्तन लाएं।
दूसरों से उम्मीद करना बंद करें
कई बार हम दूसरे लोगों से कुछ ज्यादा ही उम्मीदें कर बैठते हैं। नतीजन जब सामने वाला हमारी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता तो हम उसमें खामियां तलाशना शुरू कर देते हैं। इन दोनों ही सूरतों में कहीं न कहीं आप भी गलत हैं। पहली बात, अपने से ज्यादा कभी किसी से उम्मीद न करें। दूसरा, अगर कोई इंसान आपकी उम्मीदों को पूरा नहीं कर पाता तो उसमें कभी कमियां न खोजें।