हिंदी भारत की राष्ट्र भाषा है। भारत और उसके आसपास के कई देशों में भी हिंदी बोली जाती है। इतना ही नहीं हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी के महत्व को दुनियाभर में बढ़ाने के लिए हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं हर साल 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। आइये जानते हैं विश्व हिंदी दिवस 2025 की इस बार क्या खास थीम रखी गई है और इसकी शुरुआत कैसे हुई?
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने साल 1975 में पहला विश्व हिंदी सम्मेलन आयोजित किया था, जिसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। यह सम्मेलन महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में हिंदी को विश्व स्तर पर सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक के रूप में मान्यता देने और अंतर्राष्ट्रीय चर्चा में इसके उपयोग को बढ़ावा देने को लेकर चर्चा की गई थी।
विश्व हिंदी दिवस 2025 तारीख और थीम
10 जनवरी 2006 को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पहली बार विश्व हिंदी दिवस मनाया था। तब से हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस बार विश्व हिंदी दिवस का विषय 'एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज' रखा गया है। जिसका उद्देश्य भाषाई और अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान के लिए हिंदी भाषा के उपयोग को बढ़ावा देना है।
हिंदी भाषा का महत्व
भाषा की समृद्ध विरासत, साहित्य पर हिंदी के प्रभाव और डिजिटल दुनिया में इसकी बढ़ती उपस्थिति का जश्न मनाने के लिए जगह जगह सेमिनार, वर्कशॉप और कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। हिंदी सिर्फ भाषा ही नहीं बल्कि संंस्कृति है। भले ही आज इंग्लिश का चलन तेजी से बढ़ रहा हो, लेकिन हिंदी भी दुनियाभर में फैल रही है। हिंदी के बढ़े महत्व और प्रसार को इसी बात से समझा जा सकता है कि जब संयुक्त राष्ट महासभा में हिंदी में कोई स्पीच दी जाती है तो पूरी दुनिया उसके लिए जमकर तालियां बजाती है। इसलिए बेझिझक होकर हिंदी बोलिए और हिंदी भाषी होने पर आप गर्व करिए।