इंसान को औसतन एक दिन में करीब 550 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती है। जबकि एक स्वस्थ पेड़ एक दिन में करीब 274 लीटर ऑक्सीजन देता है। मतलब ये कि जिंदा रहने के लिए हर आदमी को अपने हिस्से के दो पेड़ लगाना जरूरी है। पेड़-पौधे, नदी-तालाब, पहाड़-जंगल ये सब हमारी लाइफ लाइन हैं। कुदरत के बिना इंसान जिंदा नहीं रह सकता। लेकिन अफसोस कि जो हमारे हाथ में है उसकी हम परवाह नहीं करते। जिस प्रकृति के दम पर हम जिंदा हैं उसको संवारने के बजाए लगातार बिगाड़ रहे हैं और इसका खामियाजा इंसान भुगत भी रहा है।
ग्लोबल वॉर्मिंग, नेचुरल कैलेमिटी इस धरती को तबाह कर रहे हैं। कुदरत को कुछ देना तो दूर हवा, पानी, पहाड़, जमीन सबको प्रदूषित करने में इंसान ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। लोगों की जिम्मेदारी सिर्फ अपने घर तक रहती है, लेकिन घर से निकलते ही सारी सावधानी भूल जाते हैं। अपनी सेहत का ख्याल तो हम सभी रखते हैं लेकिन अपनी सेहत के साथ हमें पर्यावरण की सेहत को लेकर भी सेंसेटिव होने की जरुरत है। आज ''वर्ल्ड एनवायरनमेंट हेल्थ डे'' पर अपनी सेहत के साथ पर्यावरण की सेहत को भी संवारने का संकल्प लें। क्योंकि ऐसे कई पेड पौधे हैं जो आपकी सेहत की रखवाली करते हैं और शरीर के लिए दवा से ज्यादा असरदार काम करते हैं।
पर्यावरण के दुश्मन
- बढ़ती आबादी
- कार्बन
- कैमिकल
- प्लास्टिक
- जंगलों की कटाई
कुदरत बचेगी तभी बचेंगे हम
- पेड़-पौधे लगाएं
- पानी बर्बाद ना करें
- पेस्टिसाइड्स इस्तेमाल ना करें
- ऑर्गेनिक खेती करें
पर्यावरण से खिलवाड़ करने से खतरा
- बाढ़
- भूस्खलन
- भूकंप
- प्राकृतिक आपदाएं
दुनियाभर में जहां एक ओर लोग प्राकृतिक चीजों का दुरुपयोग कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बड़ी संख्या में लोग पर्यावरण को बचाने की मुहिम चला रहे हैं। पर्यावरण को बचाने की एक पहल आ भी कर सकते हैं। जितना हो सके पेड़ पौधे लगाएं। जंगलों को बचाएं। दुर्लभ जीव-जंतुओं को बचाएं। पानी की बर्बादी कम करें। बारिश के पानी को स्टोर करें। प्लास्टिक का उपयोग न करें। पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करें। प्रकृति के साथ ज्यादा छेड़खानी न करें। प्राकृतिक चीजों का दोहन कम से कम करें।