अगर आपके बच्चे भी टीनएज की तरफ बढ़ रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है। अगर माँ बाप ने ध्यान नहीं दिया तो इस उम्र में बच्चे बहुत तेजी से भटकते हैं। इसलिए ज़रूरी है कि समय के साथ आप आने बच्चों के दोस्त बन जाएं। आप अगर चाहते हैं कि वो अपनी लाइफ के सभी परेशानियां और हर ज़रूरी बातों को साझा करें तो इसलिए आपको उनके साथ सख्त नहीं बल्कि उनका दोस्त बनना होगा। बच्चों के साथ पेरेंट्स का अच्छा कम्यूनिकेशन होना बहुत जरुरी है। चलिए हम आपको बताते हैं आप किन टिप्स को फोलो कर अपन बच्चों एक दोस्त बन सकते हैं।
बच्चों को जानने के लिए फॉलो करें ये टिप्स:
-
बच्चे को समझने की करें कोशिश : आप अपने बच्चे को जानने की कोशिश करें। आपका बच्चा क्या सोचता है, किसी भी चीज़ को लेकर उसकी क्या राय है। हो सकता है उसकी सोच बाकी के बच्चों से अलग हो तो ऐसे समय में उसे बताएं कि उसकी सोच भी आपके लिए कितनी ज़रूरी है। उसे ये एहसास कराएं कि वो कितना काबिल है।
-
बच्चे के मन में न हो आपका खौंफ: अगर आपक बच्चा आपसे डरता है तो वो आपसे कभी कुछ भी शेयर नहीं कर पायेगा,। इसलिए बच्चे के दिल में अपने लिए खौंफ की बजाय प्यार पैदा करें। उससे हमेशा प्यार से बात करें। उसके सिर पर हाथ फेरें, उसे गले से लगाएं। ये चीज़ें आपको आपके बच्चे से बेहद करीब लाएंगी।
-
दूसरे बच्चों के साथ न करें कम्पेयर: अपने बच्चे को कभी भी दूसरे बच्चों के सतह कम्पेयर न करें। चाहें वो उसके फेशियल फीचर्स हों चाहें उसेक रिजल्ट्स। हर बच्चा अपने आप में ख़ास होता है। अगर वो दूसरे बच्चों से कमजोर है तो उसे प्रोत्शाईट करें न कि तुलना कर उसका मनोबल तोड़ें।
-
खुलकर करें बात: पैरेंटिंग का तरीका तभी बेहतर हो सकता है जब आप अपने बच्चे से किसी भी चीज़ को लेकर खुलकर बात कर पाएं। बता दें टीनएज में आते ही बच्चों के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। जिसे लेकर उनके मन में कई तरह के सवाल होते हैं। लेकिन वे ये चीज़ें अपने पेरेंट्स ने नहीं पूछते हैं। ऐसे में आप अपने बच्चे से खुलकर बातें करें। हालांकि बात करते ंसय यह धायण रखें कि वो सहज महसूस कर रहे हैं या नहीं। धीरे धीरे उनके साथ खुलने की कोशिश करें
-
डांटना करें बंद: कई पेरेंट्स की आदत होती है कि वो बात बात पर अपने बच्चों को डाटतें रहते हैं। और कहते यहीं कि उनका बच्चा उनसे कुछ भी शेयर नहीं करता है। आपको बात दें ये पेरेंटिंग का बहुत ही गलत तरीका है। आप डांट फटकार कर अपन बच्चे के पास तो नहीं लेकिन उनसे दूर ज़रूर चले जाएंगे।
-
काम की करें तारीफ: अगर आपका बच्चा किसी भी चीज़ में भीतर प्रदर्शन कर रहा है, चाहे वो स्कुल में अच्छे मार्क्स लाना हो चाहे एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टविटीज में भाग लेना, आप सुकि तारीफ करें। तारीफ करने पर बच्चे मोटिवेट होते हैं और आगे भी बेहतर करने की कोशिश करते हैं।