हर साल 3 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस मनाया जाता है। ताकि लोगों को प्लास्टिक और पॉलीथिन से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताया जा सके और उन्हें जागरुक किया जा सके। प्लास्टिक के बैग्स को सरकार ने बैन कर दिया है, लेकिन फिर भी बाजारों में धड़ल्ले से प्लास्टिक के पॉलीथिन मिल रहे हैं। दुकानदार से लेकर सब्जी विक्रेता तक सभी खुलेआम पॉलीथिन का इस्तेमाल कर रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि पॉलीथिन को 100 साल तक जमीन के अंदर दबा देने के बाद भी ये गलती नहीं है और न ही नष्ट होती है। ये जस की तस बनी रहती है। अब आप खुद ही सोचिए कि पॉलीथिन हमारे और पर्यावरण के लिए कितनी हानिकारक है।
जीव-जंतुओं की मौत का बड़ा कारण
पॉलीथिन की थैलियां हर साल लाखों जीव-जंतुओं की मौत का कारण भी बनती हैं। ये पॉलीथिन इस्तेमाल के बाद कूड़े के ढेर में पड़ी रहती है और खाने की तलाश में आवारा पशु इसे निगल जाते हैं। पेट में जाकर पॉलीथिन आंतो में चिपक जाती है। जिससे कुछ ही दिनों में पशु की मौत हो जाती है। जब ये पॉलीथिन तालाब और नदियों में जाती है तो मछली और दूसरे जीवों की मौत का कारण भी बनती है।
प्लास्टिक से होने वाली बीमारियां
अगर प्लास्टिक को जलाकर नष्ट करने की सोचें तो ये पर्यावरण को दूषित करने वाली गैस छोड़ती है। प्लास्टिक को जलाने से मुख्य रूप से क्लोरो फ्लोरो कार्बन निकलता है जो ओजोन लेयर के लिए भी खतरनाक होती है। इससे नंसानों में त्वचा संबंधी रोग होने का खतरा बढ़ता है। डॉक्टर्स की मानें तो जो लोग प्रदूषण वाले क्षेत्र में रहते हैं उनमें बीपीए की मात्रा ज्यादा होती है। इससे त्वचा संबंधी बीमारियां, लिवर और किडनी से जुड़े रोग और नपुंसकता का खतरा बढ़ जाता है।
प्लास्टिक के कप में चाय पीना है खतरनाक
जो लोग प्लास्टिक के कप में गर्म चाय या कॉफी पीते हैं उन्हें सावधान होने की जरूरत है। ये कप आपको कैंसर जैसी बीमारी दे सकते हैं। अगर आप सिंगल टाइम यूज होने वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं तो इससे भी कैंसर का खतरा बढ़ता है। इसके अलावा लो क्वालिटी के प्लास्टिक डब्बों का इस्तेमाल भी एक बार से ज्यादा नहीं करना चाहिए।
पॉलीथिन को आज से कहें 'NO'
अगर आप पर्यावरण को सुरक्षित और अपनी आने वाली पीढ़ियों के रहने लायक बनाना चाहते हैं तो आज से ही प्लास्टिक और पॉलीथिक को नो कह दें। जब भी बाजार जाएं तो अपने घर से कपड़े या जूट का बैग लेकर जाएं। प्लास्टिक की चीजों को घर से बाहर कर दें। भले ही ये एक छोटा सा कदम हो, लेकिन आप अपनी ओर से ये पहल जरूर करें। आपको अच्छा महसूस होगा।