Phool Dei 2024: उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है। यहां हर कुछ नेचर से जुड़ा हुआ है। चाहे खान-पान हो, पहनावा हो या फिर घूमने की कोई जगह हो। ऐसा ही एक त्योहार है फूलदेई जिसमें कि लोग फूलों के साथ प्रकृति का ये सुंदर त्योहार मनाता है। इस त्योहार में बच्चों की एक खास भूमिका होती है। बच्चे ही इस त्योहार की वो कड़ी हैं जो कि लोगों को और तमाम घरों को एक दूसरे से जोड़ते हैं। साथ ही बेहद खूबसूरती के साथ घर सजाते हुए इस त्योहार को मनाते हैं। तो, आइए जानते हैं क्यों खास है फूलदेई।
जानें क्यों खास है उत्तराखंड का ये flower festival
फूलदेई एक ऐसा त्योहार है जो चैत्र संक्रांति, अष्ठमी से लेकर अप्रैल वाली बैशैखी तक मानाया जाता है। इस त्योहार में बच्चे फूल तोड़कर लाते हैं और पारंपरिक पोषाकों में लोकगीत गाते हुए इन फूलों को हर घर की देहरी पर रखते हैं। ऐसे करता हुए बच्चे हर घर तक जाते हैं और पूरे गांव सजा देते हैं। इस दिन घोघादेवी की पूजा की जाती है। इस दिन खासतौर पर फ्योंली और बुरांस के फूलों को देहरी पर रखा जाता है। माना जाता है कि ये घर में खुशहाली लाती है।
होली पर गुजिया बनाने का नहीं है समय, तो थोड़े से मावा से बनाएं ढेर सारी लौंगलता, जान लें आसान रेसिपी
बता दें कि कुमाऊं और गढ़वाल में पूरे आठ दिनों तक भी फूलदेई मनाया जाता है। तो, कुछ इलाकों में लोग चैत्र के पूरे महीने ही फूलदेई मनाते हैं। तो, आप भी इस त्योहार को मना सकते हैं और प्रकृति के रंगों का आनंद ले सकते हैं।