देश की महिलाएं लगातार हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। पिछले कुछ सालो में स्थिति काफी बदली है। अब महिलाएं वे सभी काम भी करती हैं जो पहले सिर्फ़ पुरुषों को अधिकार में थे। जैसे देश में अब महिलाएं न सिर्फ बस, ऑटो बल्कि रेल और मेट्रो ट्रेन भी चला रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को है। दुनिया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रही है, लेकिन इससे पहले एक प्रमुख पहल में मुंबई मेट्रो ने शुक्रवार को घोषणा की कि महिला कर्मचारियों को सशक्त बनाने के लिए उसके दो स्टेशन अब सभी स्तरों पर पूरी तरह से महिला कर्मचारियों से संचालित हैं। स्त्री शक्ति और दृढ़ संकल्प का बेहतरीन उदाहरण है। जैसा कि 21वीं सदी में महिलाएं पुरुषों के गढ़ माने जाने वाले बंधनों को तोड़ रही हैं। प्रतिगामी सोच और रूढ़िवादी दृष्टिकोण की दीवारों को तोड़ना। महाराष्ट्र मुंबई मेट्रो कॉर्पोरेशन ऑपरेशन लिमिटेड कई महिलाओं को प्रेरित कर रहा है।
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मुंबई मेट्रो में महिलाएं संभाल रही हर मोर्चा
खासकर बिजली विभाग में जहां 20% स्टाफ महिलाएं हैं, ट्रेन ऑपरेटरों, प्रशासन और यहां तक कि तकनीशियनों की नौकरी कर रही हैं। यह महिला कार्यबल अपने पुरुष साथियों से कम नहीं है। मेट्रो ट्रेनों के रख-रखाव और पूर्ण समर्पण और दक्षता सुनिश्चित करना, ताकि यात्रियों की यात्रा सुचारू और दर्द रहित हो। चाहे रात की शिफ्ट हो या दिन की हमेशा ही यह महिलाए हाथो में अपने इक्यूमेंट्स लिए तैयार है और काम करती है। जिस क्रेन पर यह काम कर रही है उस गाड़ी की चालक भी एक महिला ही है , जो बताती है उनके इस काम से उनका पिता सबसे ज्यादा गर्वांवित है।